रिपोर्ट/सतपाल धानिया
सहसपुर:
सहसपुर विधानसभा अन्तर्गत सेलाकुई में आसन नदी किनारे मानको क़ो ताक पर रखकर लगाये गए हॉट मिक्स प्लांट से आसन नदी तो प्रदूषित हो ही रही है| साथ ही वायुमंडल में प्लांट क़ा जहरीला काला धूंआ भी घुल रहा है| जिस वजह से जलजनित बीमारियां व सांस की बीमारियां क्षेत्र में पांव पसारने लगी है| ग्रामीणों द्बारा प्लांट की अव्यवस्थाओं की शिकायत सबंधित अधिकारियों क़ो कई बार की जा चुकी है लेकिन तमाम विभाग मूकदर्शक बनकर आसन नदी ओर वायुमंडल क़ो प्रदूषित होता देख रहें हैं|
आपको बता दे कि, किसी भी उद्योग को स्थापित करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी प्राप्त करनी होती है| यदि कोई भी उद्योग एयर पोलूशन वाटर पोलूशन करता है या उसके यहां से एयर पॉल्यूशन होता है तब उसको अपने यहां ईटीपी एयर ट्रीटमेंट प्लांट लगाना होता है| इसी प्रकार जब कोई उद्योग वाटर पॉल्यूशन करता है तो उसको अपने यहां एसटीपी स्थापित करना अनिवार्य है | किंतु इंडस्ट्रियल एरिया सेलाकुई में यह देखने में आया है कि, आसन नदी किनारे स्थापित मैसर्स अग्रवाल ब्रदर्स का हॉट मिक्स प्लांट ईटीपी संचालित भी कर रहे हैं पर उससे निकलने वाली सलज को प्लांट से बाहर आसन नदी में खुले में फेंक रहें हैं या नदी में बहा रहें हैं | आसन नदी किनारे स्थापित यह हॉट मिक्स प्लांट वायु प्रदूषण के साथ-साथ जल क़ो भी प्रदूषित कर रहा है|
आपको बता दे कि, यदि किसी भी उद्योग को स्थाई या अस्थाई रूप में स्थापित किया गया हो यदि वह पर्यावरण नियम को पालन नहीं करता है, तब पर्यावरण विभाग उस पर कार्यवाही करने के लिए उचित नियमों के अंतर्गत कठोर से कठोर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है| लेकिन इंडस्ट्रियल एरिया सेलाकुई में लगातार देखने में आ रहा है कि, या तो उद्योग ईटीपी का संचालन ही नहीं करते जिस से लगातार वायु प्रदूषण होता रहता है और जो लोग कर भी रहे हैं वह सीधे ईटीपी से निकलने वाली सलज को नदी में फेंक देते हैं|
जबकि पर्यावरण विभाग का कहना है कि, ईटीपी या एसटीपी से निकलने वाली सलज का निस्तारण बड़ी ही सावधानी से किया जाता है| जिसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उत्तराखंड में एक मात्र कंपनी को उसके निस्तारण का ठेका दिया गया है और यह उद्योग जो रुड़की में स्थापित है| वह इस सलज के निस्तारण के लिए उद्योगों से मोटी फीस वसूल करता है लेकिन सेलाकुई स्तिथ मैसर्स अग्रवाल ब्रदर्स क़ा हॉट मिक्स प्लांट इन शर्तो व नियमो क़ा पालन करता नजर नहीं आ रहा है|
हॉट मिक्स प्लांट से निकलने वाली सलज क़ो रुड़की के निस्तारण केंद्र में ना भेजकर आसन नदी में बहा रहा है| जो की हैजार्ड की श्रेणी में आता है ओर इस सलज से आसन नदी पर बहुत बड़ा दुष्प्रभाव पड़ेगा साथ ही आसन नदी में रहने वाले जलीय जंतुओ क़ा जीवन भी खतरे में पड़ सकता है| आसन नदी पर ही एशिया क़ा सबसे बड़ा वैटलैंड आसन वैट लैंड है, जिसमे विदेशी पक्षी प्रवास पर आते है|
अगर यही हालात रहें तो वह दिन दूर नहीं जब आसन वैट लैंड क़ा अस्तित्व भी समाप्त हो जायेगा| आसन नदी क़ो प्रदूषित व पर्यावरण में जहर घोलने वाले मैसर्स अग्रवाल ब्रदर्स के हॉट मिक्स प्लांट प्लांट पर पर्यावरण प्रदूषण विभाग व पर्यावरण संरक्षण आयोग ने चुप्पी साधी हुयी है| कोई भी प्लांट पर कार्यवाही करने की जहमत नहीं उठा पा रहें हैं|
पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड के सदस्य सचिव एस पी सुबुद्धि से जब प्लांट द्बारा फैलाए जा रहें प्रदूषण के संबंध में बात की गई तो वह कोई भी ठोस जवाब नहीं दे पाए| बल्कि प्रकरण क़ो एक दूसरे के पाले में डालते हुए नजर आये ओर वह कही भी पर्यावरण क़ो बचाने के लिए चिंतित नजर नहीं आये, उल्टा गोलमोल जवाब देते नजर आये तो वही पर्यावरण प्रदूषण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी अमित पोखरियाल से जब आसन नदी व वायुमंडल क़ो प्रदूषित करने वाले हॉट मिक्स प्लांट के संबंध में जानकारी लेने के लिऐ फोन किया जाता है तो वह अधिकतर फोन ही नहीं उठाते अगर फोन उठाते भी हैं तो संतोषजनक जवाब नहीं दे पाते साथ ही जो अधिकारी सलज व हैजार्ड क़ा दायित्व संभाल रहें हैं वह भी इस मामले में बात करने पर चुप्पी साध लेते हैं|
इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि, मानकों को ताक पर रखकर चलाए जा रहें हॉट मिक्स प्लांट में कही विभागीय सांठगांठ तो नहीं है ! जिस वजह से बड़े पैमाने पर प्रदूषण फैलाए जाने पर भी विभाग चुप्पी साधे है य़ा यह क़हा जाये कि, जानबूझ कर संबंधित विभाग कार्यवाही नहीं कर रहें है जिसका खामियाजा भविष्य में क्षेत्र की जनता क़ो भुगतना पड़ेगा ओर क्षेत्र में गंभीर बीमारियों से कई बेगुनाह लोगों की जान जायेगी| साथ ही पवित्र आसन नदी क़ा अस्तित्व भी समाप्त हो जायेगा तो वही अब स्थानीय जनता व कई सामाजिक संगठन आसन नदी क़ो बचाने व हॉट मिक्स प्लांट क़ो क्षेत्र से हटाने के लिऐ बड़े आंदोलन की रणनीति बना रहें है | ग्रामीणों व सामाजिक संगठनो से पर्यावरण व प्रदूषण विभाग व पर्यावरण संरक्षण आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाये हैं ओर इस प्रकरण की शिकायत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व एन जी टी में करने की बात कही है|