स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड के प्रमुख वन संरक्षक(हॉफ) (पी.सी.सी.एफ.)राजीव भरतरी ने भवाली के फॉरेस्ट गेस्ट हाउस में एन.डी.आर.एफ.की टीम से मुलाकात की । उन्होंने कहा कि, आग की घटनाओं के लिए जिम्मेदारी और भागीदारी तय होनी चाहिए ।
नैनीताल में भवाली के फारेस्ट गेस्ट हाउस में एन.डी.आर.एफ.और फारेस्ट प्रमुख की मुलाकात हुई । दोनों के बीच वनाग्नि को रोकने को लेकर चर्चा हुई । फारेस्ट चीफ ने वनाग्नि को रोकने में जुटे फायर फाइटर को भी प्रोत्साहित किया ।
अल्मोड़ा से भवाली और नैनीताल होते हुए हरिद्वार लौट रहे वन प्रमुख राजीव भरतरी फायर सीजन में पहली बार कुमाऊं के दौरे में है। वन विभाग की तरफ से फायर फाइटर को रेक, हेलमेट, बेलचा, ब्लोवर, टॉर्च, थर्मस, जूते आदि दिए गए ।
पी.सी.सी.एफ. ने एन.डी.आर.एफ.के जवानों से उनके अनुभव पूछे । जवानों ने बताया कि, इस बार ज्यादा और तेजी से आग फैली थी । उन्होंने कहा कि, आग बुझाने का ऑपरेशन दिन और रात चल रहा है ।
भरतरी ने जवानों से पूछा कि, क्या उन्हें किसी भी तरह की कोई परेशानी हो रही है ? भरतरी ने कहा कि, सूखी जगह में ध्यान रखते हुए उतरे और रिस्पांस टाइम जल्दी हो । पी.सी.सी.एफ.ने फायर फाइटर से भी मुलाकात की और उन्हें आग बुझाने में सावधानी बरतने को कहा ।
एन.डी.आर.एफ.के अधिकारियों ने बताया कि, सात अप्रैल को पहुंचने के बाद उन्होंने लगातार काम करते हुए दस सफल ऑपरेशन किये है।
पी.सी.सी.एफ.ने कहा कि, निजी क्षेत्रों से जंगल में लगी आग के लिए निजी भूमि के मालिक के खिलाफ जिम्मेदारी तय होनी चाहिए और आम लोगों की भागीदारी भी तय होनी चाहिए ।
उन्होंने कहा कि, घटनाओं पर रोक लगाने के लिए पब्लिक पार्टिसिपेशन भी जरूरी है । इसके अलावा, उन्होंने कहा कि, आग की बढ़ती घटनाओं और बदलते मौसम से लड़ने के लिए रणनीति में बदलाव लाना होगा ।
उन्होंने ये भी कहा कि, अल्मोड़ा और नैनीताल जैसे संवेदनशील जिलों का दौरा करना ही उनका प्रमुख उद्देश्य था । इसके अलावा घटनास्थल पर तैनात फारेस्ट गार्ड को निर्देशित करने वाले अद्धिकारियों कि भी भारी कमी देखने को मिल रही है, जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा ।