स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय के कोरोना पॉजिटिव अधिवक्ता को हल्द्वानी के सुशील तिवारी अस्पताल में कोविड का रैमडिसवीर इंजेक्शन नहीं मिलने से क्षुब्ध अधिवक्ताओं ने मुख्य न्यायाधीश से शिकायत की है । उन्होंने बताया है कि, वो न्यायालय खुलने पर एक जनहित याचिका दायर करेंगे ।
कुमायूं मण्डल के हल्द्वानी स्थित एकमात्र कोरोना रैफर सेंटर, सुशील तिवारी अस्पताल में कोरोना की दवा उपलब्ध नहीं होने की वजह से कोरोना पीड़ितो को बहुत परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को लॉक डाउन होने कारण यह समस्या और अधिक बढ़ गयी ।
महत्वपूर्ण दवा के लिए पीड़ितों के परिवार वाले कर्फ्यू के कारण कहीं आ-जा भी नही सकते। ऐसा ही एक मामला उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रविन्द्र सिंह बिष्ठ का सामने आया है। रविन्द्र एस.टी.एच.में 16 अप्रैल को भर्ती हुए थे और आज डॉक्टर ने उन्हें रैमडिसवीर दवा तत्काल लेन को कहा ।
अस्पताल प्रबंधन से इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने दवा नहीं होने की बात कही। इसके बाद उन्होंने यह बात साथी अधिवक्तों से कही। साथी अधिवक्ताओं ने इस दवा को उपलब्ध कराने के लिए अस्पताल प्रबंधन और जिलाधिकारी से बात की। जिलाधिकारी ने उन्हें सी.एम.ओ.नैनीताल से बात करने को कहा।
बताया गया कि, जब सी.एम.ओ.को फोन किया गया तो किसी ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद क्षुब्ध होकर अधिवक्ता शक्ति प्रताप सिंह ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल से बात की। उनकी इस बात को रजिस्ट्रार जनरल ने मुख्य न्यायधीश के सम्मुख रखने का भरोसा दिया। अधिवक्ता शक्ति सिंह ने कहा है कि, अब वो इस मामले को लेकर 19 अप्रैल को एक जनहित याचिका दायर करेंगे।