स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
नैनीताल की जिला एवं सत्र न्यायालय की विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम प्रीतू शर्मा की कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग रानीखेत और अल्मोड़ा के अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता के एक लाख की रिश्वत मामले में 14 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है।
आपको बता दे कि, 8 जुलाई 2021 को विजिलेंस की हल्द्वानी टीम ने रिश्वतखोरी में नेशनल हाईवे, लोक निर्माण विभाग रानीखेत अल्मोड़ा के अधिशासी अभियंता (ईई) महिपाल और सहायक अभियंता(ए.ई.)हितेश को एक लाख रुपये रिश्वतखोरी में रंगेहाथ गिरफ्तार किया था।
मामले के अनुसार, शिकायतकर्ता ने बार खोलने के लिए एन.एच.समेत अन्य विभागों से एन.ओ.सी.मांगी थी। सभी ने एन.ओ.सी.जारी कर दी थी। जबकि एन.एच., पी.डब्ल्यू.डी.के इंजीनियरों ने एन.ओ.सी. लटका दी।
इस पर आरोपियों ने बार संचालक से 3 लाख रुपये कि मांग की, बाद में शिकायतकर्ता के निवेदन करने पर एक लाख रुपये पर अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान करने की बात तय हुई। बार आवेदक पहले से तय हुए सौदे के अनुसार एन.एच.के दफ्तर पहुंचा। जहां एक लाख की रिश्वत ई.ई. को सौंपी।
ईई ने यह रकम ए.ई.को सौंपी। मौके पर विजिलेंस की ट्रैप टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद थाना सतकर्ता सेक्टर हल्द्वानी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988(संशोधित अधिनियम 2018)/120 बी आई.पी.सी.की धाराओं के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। दोनों अडोपीयों को गिरफ्तार कर आज विजिलेंस की टीम ने कोर्ट में पेश किया, जहां से विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम प्रीतू शर्मा की कोर्ट ने दोनों को 14 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है।