स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड क्रांति दल ने अब भूमि कानून और राज्य के बेरोजगारों को रोजगार देने को अपना एक मुख्य मुद्दा बनाया है । भंग केंद्रीय कार्यकारिणी की कमान संभाल रहे काशी सिंह ऐरी ने कहा कि, राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन समाप्त करना गलत है, इसमें पात्रता की जांच होनी चाहिए ।
नैनीताल क्लब में उत्तराखंड क्रांति दल के शीर्ष नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर पार्टी के आगे की गतिविधियों की जानकारी दी । उत्तराखंड की एकमात्र राजनीतिक पार्टी यू.के.डी.की इनदिनों केंद्रीय कार्यकारिणी भंग है और इसकी कमान पूर्व विधायक और वरिष्ठ लीडर काशी सिंह ऐरी को सौंपी गई है ।
काशी सिंह ऐरी ने बताया कि उत्तराखंड क्रांति दल ने राज्य बनाने के पीछे जल, जंगल, जमीन को ही मुख्य बिंदु रखा था । राज्य बनने से पहले और राज्य बनने के बाद भी भू कानून की मांग उठाई थी ।
पहली चयनित सरकार के मुख्यमंत्री एन.डी.तिवारी की सरकार में यह कानून बहुत खामियों के साथ बना, जिसके बाद समय समय पर इसपर प्रशन खड़े किये गए और इसको कडा कानून बनाने के लिए आवाज़ उठाई गयी।
खंडूरी सरकार ने राज्य हित में निर्णय लेते हुए बाहरी लोगों के भूमि क्रय को 500 वर्ग मीटर की जगह 250 वर्ग मीटर कर दिया। पार्टी की तरफ से संविधान की धारा 371 के विशेष प्रावधान से बाहरी व्यक्तियों या भू माफियाओं का यहाँ की जमीन लेने में प्रतिबंद लगाने की मांग की गयी।
उन्होंने कहा की पहाड़ के नौजवानों को अब अपनी जमीन का महत्व समझ आ रहा है, जहाँ बाहरी लोग आकर कब्जा कर रहे हैं। ऐरी ने आंदोलनकारियो को सही से चिंहित नही करने और दी जा रही पेंशन में भी सवाल उठाए । इस मौके पर पूर्व विधायक नारायण सिंह जंतवाल, पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी, चंद्रशेखर कापड़ी, संसदीय बोर्ड अध्यक्ष पान सिंह सिजवाली, अधिवक्ता प्रकाश पांडे, कुलदीप सिंह, खीमराज सिंह, अम्बादत्त बवाड़ी, हेमचंद वारियाल आदि मौजूद रहे ।