विकास के नाम पर जनता से धोखा, करोड़ों की बंदरबांट, बिना बजट कैसे होगा जिपं क्षेत्र वज्यूला व भैंरुचौबट्टा विकास
जिला पंचायत बागेश्वर मे अनियमित्ताओं के विरोध मे जिपं उपाध्यक्ष सहित सभी नौ सदस्य धरने पर डटे हैं। कुछ दिन पूर्व अध्यक्ष के समान बजट वितरण की प्रेस वार्ता के जवाब मे उन्होने कार्यालय से प्राप्त जानकारी के आधार पर अध्यक्ष द्वारा उनके क्षेत्र के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाते हुये कहा कि, बजट वितरण का जो आंकड़ा सामने आया है वह चौकाने वाला है। किसी जिला पंचायत क्षेत्र को 35 लाख तक मिले हैं और किसी को 0। उन्होने जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव पर सदस्यों को एक बार फिर मीडिया के माध्यम से गुमराह करने का आरोप लगाया है।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार के नेतृत्व मे पिछले 25 दिनों से नौ सदस्यों का धरना जारी है। उन्होने कहा कि, पंचायतराज सिस्टम चलाने वाले जनप्रतिनिधियों के कार्यों के बारे में हर कोई जानने को उत्सुक रहता है कि, आखिर ये करते क्या हैं। क्यूंकि जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य, प्रधान, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, वार्ड पंच एक कड़ी में बने रहकर ग्रामीण क्षेत्र के प्रशासनिक नियंत्रण, गांवों के पिछड़े-कमजोर क्षेत्रों का बेहतर विकास कराने में सक्षम होते हैं। इसलिए इन्ही से क्षेत्र के विकास कार्यों की उम्मीद जनता लगाती है।
वागेश्वर जनपद के विकास के नाम पर हर साल करोड़ों रुपये की बंदरबांट की जा रही है। इस साल विकास के मद में भारी भरकम राशि खर्च कर दी गई और आने वाले वित्तीय वर्ष की कार्ययोजनाएं प्रस्तावित कर दी गई है। लेकिन ग्रामीण बागेश्वर के हालात आज भी जस के तस हैं।
सरकारी खजाना दोनों हाथों से कैसे लुटाया जा रहा है इसका जीता-जागता उदाहरण बना है जिला पंचायत बागेश्वर। जहां पिछले लम्बे समय से जनपद के आधे सदस्य धरने पर बैठे हैं, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
जिपं सदस्य सुरेश खेतवाल ने अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुये कहा कि, जिपं कार्यालय से प्राप्त सूचना से मिली जानकारी मे केवल 17 जिपं क्षेत्रों मे बजट वितरण किया गया है जिसमें बाछम जिला पंचायत क्षेत्र को सबसे अधिक 35,12054 रुपये तथा सबसे कम जिला पंचायत क्षेत्र मन्यूड़ा को 3,00000 रुपये दिये गए हैं।
वहीं दो जिला पंचायत क्षेत्रों मे एक भी नया रुपया प्रस्तावित न करना इनकी कथनी व करनी मे अंतर दिखलाता है। उन्होने कहा कि, इंका यह बजट राजनीतिक द्वेष भावना से प्रेरित है जिसका नुकसान क्षेत्र की भोली जनता को भुगतना पड़ रहा है। जो सरकारी धन की लूट नजर आता है जिसकी जांच की मांग हमारे द्वारा जिला प्रशासन से की गई है। जब तक हमारे क्षेत्र मे जनसंख्या के आधार पर समान बजट का वितरण नहीं किया जाता है तब तक हम यहां से उठने वाले नहीं हैं।
विवेकाधीन बजट के नाम पर ग्रामीण जनता से छलावा
जिपं क्षेत्र वज्यूला सदस्या इंद्रा परिहार व भैंरुचौबट्टा की सदस्या गोपा धपोला ने अध्यक्ष के रवैये की कड़ी निन्दा करते हुये उन्हे भारत की पहली विकास विरोधी महिला की संज्ञा दी है। उन्होने कहा कि आज तक के इतिहास मे ऐसा पहले कभी देखने को नहीं मिला है कि विकास कार्यों के बजट मे ऐसी अनदेखी कहीं हुई हो। उन्होने चुटकी लेते हुये कहा कि “देश मे एक आर्यबट्ट थे जिनहोने शून्य की खोज की थी और दूसरी हमारी अध्यक्ष बसंती देव हैं जिन्होने विकास कार्यों के लिए किसी जिपं क्षेत्र की जनता को शून्य बजट दिया हो। वह अब हमारे क्षेत्रों मे आकार इस शून्य बजट का सभी ग्राम सभाओं मे समान वितरण कर जनता को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का फार्मूला भी बता दें।”
जिपं क्षेत्र वज्यूला व भैंरुचौबट्टा की सम्मानित जनता आपके इस पक्षपातपूर्ण व्यवहार के लिए आपको जवाब अवश्य देगी। उन्होने मीडिया के माध्यम से जिलाधिकारी बागेश्वर व जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुये सरकार के इशारो पर इस तरह के कार्यों को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया है।
उन्होने कहा कि, जिपं अपर मुख्य अधिकारी समाधान की बात तो कर रहा है पर इस तरीके के भ्रष्टाचार सम्मिलित होकर। हम अपने क्षेत्र की जनता के साथ हो रहे अन्याय को मुह फेर कर समाधान की बात सोच भी नहीं सकते हैं। हमारे क्षेत्र का समान विकास ही हमारी प्रथम मांग है जिसे हम हर हाल मे लेकर रहेंगे।
उन्होने अध्यक्ष बसंती देब पर जनता के साथ छलावा करने का आरोप लगाते हुये कहा है कि, आप स्वयं एक महिला होकर हमारी भावनाओं को नहीं समझ सकती हैं तो जनपद की भावनाओं को क्या समझेंगी। यह बागेश्वर जनपद के विकास के लिए बड़े ही दुर्भाग्य की बात है।
उन्होने कहा कि, अध्यक्ष पत्रकार वार्ता मे कहती हैं कि, सभी सदस्यों को समान बजट बांटा गया है, यही आपका समान बजट वितरण है तो हमारे लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है। यही आपकी नियत व नियति रही तो भविष्य अंधकारमय है बागेश्वर की भोली जनता का। अध्यक्ष महोदया मीडिया के माध्यम से भी बागेश्वर जनपद की जनता को छलने व गुमराह करने का जघन्य अपराध कर रहीं है फिर भी जिला प्रशासन आँख बंद किए बैठा है।
किस जिपं क्षेत्र में कितना खर्च (लाख में) –
बाछम – 35.12
असौं – 9.50
करासीबूंगा – 10.75
तोली – 21.15
सिमगड़ी – 9.25
पिंगलों – 7.75
अणा – 15.75
जेठाई – 6.65
शामा – 3.50
नान कन्यालीकोट – 7.75
बडेत – 16.16
कौसानी – 9.00
चौरा – 12.00
सात – 6.75
भकूनखोला – 11.81
सिमकुना – 7.21
मन्यूड़ा – 3.00
नगर पंचायत कपकोट – 3.00
भैंरुचौबट्टा – 0.00
वज्यूला – 0.00
नवीन परिहार, जिपं उपाध्यक्ष
विकास कार्यों के लिए प्राप्त बजट का सभी क्षेत्रों मे समान वितरण होना चाहिए। इस तरह से राजनीतिक द्वेष भाव से जनपद को विकास की मुख्य धारा से नहीं जोड़ा जा सकता है। माननीय अध्यक्षा जी को सभी सदस्यों के सम्मान का समान ध्यान रखना होगा और उनके क्षेत्रों की जनता के बजट की इस खुली लूट को कतई स्वीकार नहीं किया जायेगा। चाहे इसके लिए हमें उग्र आंदोलन की राह पर ही क्यूँ न चलना पड़े हम पीछे नहीं हटेंगे।
हरीश ऐठानी, पूर्व जिपं अध्यक्ष, वर्तमान सदस्य शामा
विकास विरोधी अध्यक्ष की मंशा को आम जन तक पाहुचएंगे और जब तक बजट वितरण मे मनमर्जी समाप्त नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होने कहा कि शासन, प्रशासन जनप्रतिनिधियों की मांगों को लेकर उदासीन है। अभी तक जिला प्रशासन ने वित्तीय अनियमितताओं की कोई जांच नहीं हुई है और न ही धरना स्थल पर वार्ता करने अभी तक जिले के मुख्य विकास अधिकारी व जिलाधिकारी का न पहुंचना बड़ा दुर्भाग्य का विषय है।