रिपोर्ट /मनोज नोडियल
कोटद्वार।
राष्ट्रीय राजमार्ग 534 के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रख करवा दी पार्किंग ।उत्तराखंड में अधिकारियों का कितना अधिक बोलबाला है कि उनके सामने कानून, संवैधानिक नियम कूड़े के ढ़ेर से लगते हैं।
अधिकारियों के वर्चस्व और हिटलर शाही प्रभाव एक विभाग है जो अपने बलबूते जैसे चाहे वैसे नियम बना सकता है। जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग यानी कि नेशनल हाईवे के नाम से जाना जाता है।
कहने और संवैधानिक नियमों के अनुसार विभाग का काम पूरे देश को जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण,उनका रखरखाव और राष्ट्रीय राजमार्गों पर पूरे देश से आने जाने वाले वाहनों को असुविधाओं से बचाते हुए सुचारू परिवहन सुविधा मजबूत करना होता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर सरकारी, गैर-सरकारी कोई भी कार्य नहीं किया जा सकता जो यातायात को बाधित करता हो।उत्तराखंड के कोटद्वार में भी राष्ट्रीय राजमार्ग 534 मेरठ बद्रीनाथ गुजरता है।
कोटद्वार में लम्बे समय से पार्किंग की समस्या बनी हुई है। कोटद्वार पुलिस और प्रशासन ने इन दिनों राष्ट्रीय राजमार्ग पर बीचों-बीच डिवाइडर के रूप में वाहनों की पार्किंग बना डाली है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर किन नियमों के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग पर पार्किंग के बहाने अव्यवस्थित किया जा रहा है।
पार्किंग के कारण कई बार लम्बा जाम लग रहा है। जबकि पुलिस द्वारा पार्किंग ट्रायल के रूप में किया गया था, परन्तु लगता है यह पार्किंग स्थाई होने वाली है।
बताते चलें कि राष्ट्रीय राजमार्ग अपनी सड़कों के किनारे किए अतिक्रमण को न्यायालय के आदेशों के बाद भी नहीं हटा पाया है ऊपर से से सड़क का और अतिक्रमण करवा दिया।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर इस तरह की पार्किंग से बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।