इंद्रजीत असवाल
पौड़ी गढ़वाल
रिखणीखाल :
प्रकृति की गोद व हिमालय की पर्वत शृंखलाबद्ध पहाडियों में बसा ” सिलबेडी” का विहंगम दृश्य देखकर ऐसा लगता है कि स्वर्ग यहीं है लेकिन विकास के दृष्टिकोण से लगता नहीं।
ये छायाचित्र हैं,रिखणीखाल के अन्तर्गत सिलबेडी में निर्माणाधीन भवन आई टी आई कॉलेज का जो सन 2001 से बनता आ रहा है लेकिन अभी तक अधर में लटका हुआ है,मानो आगरा का ताजमहल बन रहा हो।अब इसी से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि रिखणीखाल विकास में कौन से पायदान पर खड़ा है।
इस भवन को बनते बनते बीस साल से ज्यादा का वक्त गुजर रहा है।जो निर्माण बीस साल पहले हुआ है वह भी आधा जीवन काट चुका है फिर वो मजबूती कहाँ से आयेगी।स्थानीय जनता का अनुमान है कि इस हालत में कम से कम दस साल और लगेगे।
क्षेत्र के स्कूल कॉलेज में पढने वाले बच्चे इसे देखते देखते अब ऊब गये हैं वे कहते हैं कि हमारे लिए तो नहीं बन सकेगा लेकिन हमारे आने वाली पीढ़ी के लिए प्रशिक्षण मिल ही जायेगा।
अब अन्त में कथा का सार यह है कि शासन प्रशासन कोई तो सुध ले इस भवन की या फिर ग्राम द्वारी में दस साल पहले बने खंडहर भवनो जैसी स्थिति न हो।