उत्तराखंड देहरादून में कुछ डॉक्टर भगवान की जगह शैतान का काम कर रहे हैं। फिजियोथैरेपी के नाम पर मरीजों को विकलांग बनाने का काम कर रहे हैं।
हाल ही में एक मुद्दा हमारे सामने आया है भगवान सिंह कैंतूरा प्रमुख सचिव, न्याय एवं विधि पारदर्शी के निजी स्टाफ में सचिवालय में तैनात हैं तथा पूर्व विगत 5 वर्षों से उत्तराखंड उच्च न्यायालय शासन मेंओथकमिश्नर के पद पर तैनात रहा है।
कुछ समय पहले अप्रैल में भगवान सिंह के कमर में मामूली दर्द हुआ। चिकित्सक की राय पर भगवान सिंह पारस फिजियोथैरेपी सेंटर 108/8 ओल्ड नेहरू कॉलोनी देहरादून में फिजियोथैरेपी कराने पहुंचे।
पारस फिजियोथैरेपी सेंटर के एमडी डॉक्टर अमन दामिर ने उसकी पीठ का परीक्षण किया और कहा कि मैं स्वीडन टेक्नोलॉजी के आधार पर आप का इलाज करूंगा और आप 3 दिन में पूरे ठीक हो जाएंगे।
उसके बाद डॉक्टर दामिर ने उन्हें अपने स्पेशल बेड पर लिटा दिया और एक अन्य सहायक ने उनके पैर पकड़ लिये।
और डॉ ने खुद जोर से उनकी कमर पर दबाव बनाया,फिर पलंग पर लगे स्प्रिंग को दबाते हुए पलंग पर ऊपर उछला , जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी से डिस्क बाहर खिसक गई और वह बेहोश हो गए । थोड़ी देर बाद जब होश आया डॉ दामिर ने उन्हें उनके घर छुड़वा दिया।
इसके बाद भगवान सिंह कैंतूरा 2 माह तक बिस्तर से नहीं उठ पाए और उनका शरीर टेढ़ा एक तरफ झुक गया है। अब भगवान सिंह कैंतूरा ने सीएमओ देहरादून जिलाधिकारी से अनुरोध किया है कि सेंटर को जल्द से जल्द बंद कराया जाए, जिससे कि अन्य लोग विकलांग होने से बच सके। साथ ही उन्होंने उक्त सेंटर की जांच की मांग भी की।