घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज के निलंबित कुल सचिव संदीप कुमार के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एसआईटी जांच के आदेश किए हैं, लेकिन एक माह गुजरने के बावजूद सचिवालय के आला अफसरों ने इस पर कोई कार्यवाही न करते हुए मुख्यमंत्री के आदेश को दबा दिया हैं।
संदीप कुमार द्वारा संस्थान में किए गए व्यापक भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच कराये जाने हेतु मुख्यमंत्री/अध्यक्ष प्रशासकीय परिषद द्वारा संस्थान की पत्रावली पर एसआईटी जांच कराये जाने का निर्णय लिया गया था,परंतु एक माह से अधिक समय अवधि व्यतीत हो जाने के उपरांत भी गृह विभाग उत्तराखंड शासन द्वारा एसआईटी गठन किए जाने का आदेश निर्गत नहीं करा जा रहा है।
इससे विदित होता है कि शासन स्तर पर अभी भी उत्तराखंड के भष्टतम ब्यूरोक्रेट का गठजोड़ संदीप कुमार द्वारा किए गए भ्रष्टचार पर पर्दा डालने का काम कर रहा है।
संदीप कुमार द्वारा संस्थान में शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित मूल पत्रावलियां गायब किए जाने के विरूद्ध संस्थान प्रशासन द्वारा उपाध्यक्ष प्रशासकीय परिषद के निर्देशानुसार दिनांक ३०-१०-२०२१ को थाना कोतवाली पौड़ी में आईपीसी की धारा-४०९,४७७क के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज करवायी गई है, जिस पर कार्यवाही प्रचालित है।
यहां पर यह भी उल्लेख करना है कि संदीप कुमार द्वारा अपना एवं शिक्षकों के फर्जीवाड़ा द्वारा की गई चयन प्रक्रिया की विधिक जांच हेतु माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल में एक जनहित याचिका दायर की गई है,जिसमें संदीप कुमार द्वारा कराये गए शिक्षकों के अवैध चयन की (सीबीआई) जांच कराये जाने का अनुरोध किया गया है।प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल में विचाराधीन है।
जीबी पंत इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलॉजी घुड़दौड़ी पौड़ी गढ़वाल में पूर्व में उपकरणों, कंप्यूटर, प्रिंटर आदि की आपूर्ति करने वाले सप्लायर संदीप कुमार द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बिना शासन के द्वारा स्वीकृत पद न होते हुए भी वर्ष २००६ में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट अधिकारी के पद पर नियुक्ति प्राप्त करते हुए वर्ष २०१९ में कॉलेज में रिक्त कुलसचिव के पद पर पुन: अपनी नियुक्ति करवा कर शिक्षकों के साक्षात्कार में करोड़ों रुपये की रिश्वत लेकर चयन मानकों के विपरीत बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती करवायी गयी।
साथ ही संस्थान में विश्व बैंक द्वारा संचालित टी क्यूप योजना के अंतर्गत उपकरणों की खरीद फरोख्त में भी करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया है।
इस संबंध में संस्थान में संदीप कुमार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की विस्तृत दस्तावेजों के आधार पर माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड शासन से विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा लिखित शिकायत की गई, जिस पर माननीय मुख्यमंत्री/अध्यक्ष प्रशासकीय परिषद द्वारा संदीप कुमार को तत्काल निलंबित करते हुए दिनांक ०८-१०-२०२१ को आरोप पत्र प्रेषित करते हुए १५ दिनों के अंतर्गत उक्त आरोप पत्र का प्रति उत्तर दिए जाने हेतु निर्देशित किया गया था।
संदीप कुमार द्वारा आज दिनांक तक ना तो आरोप पत्र का प्रति उत्तर ही शासन को प्रेषित किया गया है और ना ही दिनांक १९-०८-२०२१ से आज दिनांक तक कॉलेज में उपस्थिति हुआ है, जबकि संस्थान द्वारा तीन-तीन अनुस्मरक पत्र भेजे जाने के बावजूद संदीप कुमार संस्थान से बिना कारण बताये अनुपस्थित चल रहा है।
संस्थान का कुलसचिव (कस्टोडियन ऑफ रिकार्ड्स) होने के नाते संस्थान की सभी महत्वपूर्ण पत्रावलियां यथा चयन से संबंधित पत्रावलियां संदीप कुमार के संरक्षण में थी, परंतु उक्त पत्रावलियों को भी संदीप कुमार द्वारा संस्थान में उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है, जिससे विदित होता है कि उसके द्वारा शिक्षकों की नियुक्तियों में भारी अनियमिताएं की गई हैं।