नॉन स्टॉप वोल्वो बस के परिचालक ने परिवहन निगम के मुखिया से ही गलत किराया वसूल लिया।
उत्तराखंड राज्य परिवहन निगम की बसों में परिचाल्कों द्वारा मनमाना किराया वसूलने की शिकायतें लगातार मिलती रही हैं।
परिवहन निगम देहरादून, ऋषिकेश समेत हरिद्वार व कुमाऊं से दिल्ली के लिए अपनी सुपर डीलक्स नान-स्टाप वाल्वो बस सेवा संचालित करता है। अकेले देहरादून से हर रोज 23 वाल्वो बसें दिल्ली मार्ग पर चलाई जा रहीं।
कुछ दिनों से इन बसों में यात्रियों से नान-स्टाप सेवा के नाम पर ज्यादा किराया वसूलने की शिकायत मिल रही थी।
ऐसे में शिकायतों की जांच के लिए निगम के प्रबंध निदेशक रोहित मीणा खुद निकल पड़े।
आइएसबीटी दिल्ली से शाम साढ़े बजे संचालित वाल्वो (यूके07-पीए-0333) में मीणा साधारण यात्री की तरह सवार हुए। बस में विशेष श्रेणी परिचालक अमन कुमार नियुक्त था। प्रबंध निदेशक ने उससे मुजफ्फरनगर तक का टिकट मांगा। परिचालक ने बताया कि बस नान-स्टाप है व किराया देहरादून तक का देना पड़ेगा। प्रबंध निदेशक ने उसे दून तक के किराये के 809 रुपये दिए, लेकिन परिचालक ने मुजफ्फरनगर तक का 391 रुपये का टिकट बनाकर उन्हें थमा दिया।
प्रबंध निदेशक मुजफ्फरनगर उतर गए और अगले दिन मुख्यालय पहुंचकर अधिकारियों की बैठक बुलाई। नान-स्टाप बसों के नाम पर वाल्चो में चल रही धांधली पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने हर वाल्वो बस की जांच के आदेश दिए। इसके साथ ही परिचालक अमन कुमार को बर्खास्त कर दिया गया।
वाल्वो बसों में चल रही धांधली को लेकर रोडवेज प्रबंधन ने बसों में सभी तरह के स्टाफ बैठाने पर रोक लगा दी है। प्रवर्तन टीमें हर वाल्वो बस की चेकिंग कर रही हैं। बुधवार शाम दिल्ली से आ रही एक वाल्वो बस में अनुबंधित बस का चालक बैठा पाए जाने पर परिचालक के खिलाफ बेटिकट का मामला दर्ज कर लिया गया। मुख्यालय की ओर से आदेश दिए गए हैं कि अगर बस में स्टाफ को सफर करना है तो अनुमति लेनी होगी। यदि वाल्वो बस में क्लीनर भी तैनात है तो उसकी ड्यूटी स्लीप बनानी होगी।