राकेश अरोरा
गदरपुर। अंग्रेजी शासन काल में लगभग 100 वर्ष पूर्व शहीद हुए दो शहीदों की याद में उनके जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए उनके आदर्शों से प्रेरणा लेने के साथ ही उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा केला खेड़ा में सजाए गए धार्मिक दीवान में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी धर्म प्रचार कमेटी श्री अमृतसर के उत्तरांचल क्षेत्र के प्रचारक भाई हरजिंदर सिंह ने कहा,आज ही के दिन 100 वर्ष पूर्व अंग्रेजों द्वारा देश भक्त फौजियों से भरी रेलगाड़ी को जब अमृतसर से अटक (वर्तमान पाकिस्तान) के लिए रवाना किया गया तो बीच में आने वाले (वर्तमान पाकिस्तान) रेलवे स्टेशन के पास स्थित गुरुद्वारा श्री पंजा साहिब जो कि गुरु नानक देव जी की याद का ऐतिहासिक सबूत है वहा के निवासियों को जानकारी हुई तो उन्होंने भूखे प्यासे फौजी देश भक्तों के लिए लंगर की व्यवस्था करके उनकी सेवा करने का संकल्प लिया गया। उन्होंने लंगर तैयार करते हुए रेलवे के स्टेशन मास्टर को रेलगाड़ी स्टेशन पर रोकने हेतु अनुरोध किया गया परंतु अंग्रेज शासन के उच्च अधिकारियों द्वारा रेलगाड़ी ना रोके जाने के निर्देश दिए गए थे l परंतु संगत के मुखिया भाई करम सिंह और प्रताप सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सम्मुख अरदास करके भूखे प्यासे देशभक्तों को लंगर कराने का दृढ़ संकल्प किया तथा रेल रुकवाने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु रेलगाड़ी की पटरी पर बैठ गए और गुरबाणी पाठ करने लगे l इस दौरान लगभग 10: 00 बजे के आसपास तेज रफ्तार रेलगाड़ी धमाके के साथ दो श्रद्धालुओं करम सिंह और प्रताप सिंह को रोंदती हुई एक झटके से रुक गई ,जिस पर सभी देशभक्त फौजी रेलगाड़ी से बाहर आ गए और उन्होंने करम सिंह और प्रताप सिंह की त्याग की सेवा भावना को नमन किया , बुरी तरह घायल दोनों को जब रेल के पहियों से निकालकर अस्पताल ले जाने का प्रयास किया तो उन्होंने कहा सबसे पहले देशभक्तों को लंगर छकाया जाए तभी उनके इलाज का प्रयास किया जाए फौजी देशभक्तों के लंगर छपने के उपरांत रेलगाड़ी के रवाना होने के उपरांत दोनों को जब अस्पताल ले जाया गया तो काफी समय बाद घायल अवस्था में उपचार के दौरान उनकी शहादत हो गई उनके अंतिम संस्कार में हिंदू, मुस्लिम एवं सिख सहित अन्य समुदायों के हजारों लोग शामिल हुए l इस मौके पर उन्हें नमन करते हुए भाई हरजिंदर सिंह और सिख मिशनरी कॉलेज लुधियाना की ग़दरपुर की इकाई के इंचार्ज देवेंद्र सिंह ने मूल मंत्र का पाठ संगत के साथ श्रवण कराया तथा शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर गु.प्रबंधक परमजीत सिंह,बलवीर सिंह,दिलबर पाल सिंह,डॉ.मनोहर सिंह,सुरेंद्र सिंह, दलजीत सिंह,देवेंद्र सिंह,हरजीत सिंह,अजीत सिंह सहित तमाम संगत मौजूद रही l