उत्तराखंड में सरकारी पद पर रहते हुए अनुसूचित जनजाति के अध्यक्ष मूरत राम शर्मा ने उत्तराखंड के लिए कई जनहित के काम किये।
अध्यक्ष मूरत राम शर्मा ने अपने कार्यकाल के दौरान आयोग में आई कुल 722 शिकायतों में से 358 का निस्तारण कर दिया। इनमें सबसे ज्यादा शिकायतें उधम सिंह नगर से 314 थी जिसमें से 143 का निस्तारण किया, वहीं सबसे कम शिकायतें रुद्रप्रयाग से आई थी जीरो।
मूरत राम शर्मा लगातार क्षेत्र में जन समस्याएं सुनते थे और जितना ज्यादा से ज्यादा उन जन समस्याओं का समाधान कर सकते थे वह कर देते थे।
उनका मानना था कि सरकार द्वारा चलाई जा रही हर एक योजना का लाभ उस अंतिम व्यक्ति को भी मिलना चाहिए जो पात्र है कोई भी इस तरह की योजनाओं के लाभ से ना छूटे इसके लिए वह भरसक प्रयास भी करते थे।
मूरत राम शर्मा ने शिक्षा महानिदेशक को पत्र लिखकर जौनसार-बाबर की बदहाल शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए भी बोला और स्कूलों में मानकों के हिसाब से अन्य शिक्षकों की शीघ्र तैनाती के लिए कहा।
मूरत राम शर्मा ने पहाड़ में ऊंचे इलाकों में बसे देवगार खत को भी बागवानी व पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का भरपूर प्रयास किया।
उत्तराखंड में फर्जी एसटी प्रमाण पत्रों के खिलाफ भी मूरत राम शर्मा ने जमकर मोर्चा खोल और इसकी जांच के लिए भी कमेटी बना दी।
उत्तराखंड से विलुप्त होती लोकगीत जैसी संस्कृति को बढ़ावा देने में भी मूरत राम शर्मा पीछे नहीं रहे, उन्होंने बाल दिवस पर लोक गायन एवं परंपरागत नृत्य में प्रतिभागियों को पुरस्कृत करते हुए संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कहा।
आयोग अध्यक्ष मूरत राम शर्मा जन समस्याओं को लेकर काफी कड़ा रुख अपनाते रहे हैं उन्होंने अधिकारियों को जन समस्याओं को गंभीरता से हल करने के निर्देश दिए थे।
उनका जुड़ाव क्षेत्र की जनता से बहुत ही ज्यादा रहा है,वह खुद क्षेत्र में भ्रमण पर आकर शिक्षा व्यवस्था का निरीक्षण कर जन समस्या सुनते हैं।
एसटी आयोग के अध्यक्ष मूरत राम शर्मा ने क्षेत्र के हालात सुधारने के लिए सड़क, स्वास्थ्य ,शिक्षा हर जगह अपना योगदान दिया है।
जब जौनसार क्षेत्र में बन रही सड़क की गुणवत्ता से लोग आक्रोशित हुए तब मूरत राम शर्मा ने दो टूक यह बात कही कि निर्माण में गुणवत्ता से कोई भी समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आयोग अध्यक्ष मूरत राम शर्मा चाहते थे कि समाज के अंतिम पात्र व्यक्ति तक योजनाएं पहुंचन चाहिए। इसके लिए वह भरपूर प्रयासरत रहते थे।
आयोग अध्यक्ष ने कालसी से बड़कोट बैंड तक डबल-लेन सड़क बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री को पत्र लिख दिया, जिसके जवाब में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पत्र भेजकर कहा कि हाईवे पर प्रस्तावित कालसी से बड़कोट बैंड तक सड़क के चौड़ीकरण के लिए डीपीआर बनाने का कार्य चल रहा है डीपीआर के आधार पर हाईवे को डबल लाइन का बनाया जाएगा।
आयोग अध्यक्ष ने 28 वनराजी परिवारों को भूमिका अधिकार पत्र वितरित किए, जिसके बाद उन 28 परिवारों को प्रधानमंत्री मन धन योजना सहित अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ मिला।
मूरत राम शर्मा की अध्यक्षता में छात्रावास सुविधा वाले राज के आश्रम पद्धति विद्यालय ट्यूनी के जर्जर भवन की हालत सुधारने को उत्तराखंड जनजाति निदेशालय ने 1 करोड़ 5 लाख के बजट को तुरंत मंजूरी दे दी।
मूरत राम शर्मा ने अपने कार्यकाल के दौरान ऐसे अनेकों और भी कार्य किए हैं जिनकी लिस्ट बहुत लंबी है। उत्तराखंड में बदलाव की लहर ऐसे ही अधिकारियों से आती है।