उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने आयोग के कार्यालय में आकर कुछ अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षा परिणाम के जारी न होने को लेकर आयोग मुर्दाबाद तथा अन्य प्रकार के नारे लगाने पर 3 अभ्यर्थियों की पहचान कर उनका चयन रोक दिया है।
नारेबाजी में शामिल 8 अभ्यर्थियों में से 3 अभ्यर्थियों की पहचान करके उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।बाकी की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज निकलवाई जा रही है। चयन आयोग के सचिव संतोष बड़ोनी ने कहा कि अभद्रता और अनुशासनहीनता पर चयनित अभ्यर्थियों को अभ्यर्थना निरस्त करने का नोटिस दिया गया है। और उनसे पूछा गया है कि उन्होंने कार्यालय पर मुर्दाबाद के नारे क्यों लगाए, और इसके लिए उन्हें किसने प्रेरित किया !
नारे लगाने वाले चयनित अभ्यर्थियों की पहचान कोमल दास, विजय प्रकाश और धर्मेंद्र सिंह के रूप में हुई है। सचिव संतोष बडोनी का कहना है कि आयोग द्वारा परीक्षाओं को स्वच्छ पारदर्शी रखने और परीक्षा कराने की जटिलताओं के बावजूद समय पर परीक्षाएं कराई जा रही है।
बकौल सचिव “समय- समय पर सभी अभ्यर्थियों को मिलने का अवसर देकर उनकी व्यक्तिगत समस्याओं का भी निदान किया जा रहा है। इसके उपरांत यदि अभ्यर्थी अनुशासनहीनता करते हैं तो आयोग ऐसे अभ्यर्थियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही के लिए प्रतिबद्ध है।”
गौरतलब है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 21 मई 2017 को सींचपाल के 628 पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। इस का परीक्षा परिणाम 17 जुलाई 2017 को जारी किया गया था और अभ्यर्थियों को 1 अगस्त 2017 को अभिलेख सत्यापन के लिए कार्यालय में आमंत्रित किया गया था।
इस मामले में अभ्यर्थियों द्वारा अलग-अलग तीन रिट याचिका उच्च न्यायालय में दायर की गई थी। जिसमें से दो याचिकाओं का निर्णय हो चुका है और एक याचिका वर्तमान में भी विचाराधीन है।
इस पर कुछ चयनित अभ्यर्थी कोर्ट चले गए थे और पंकज नेगी की अपील पर न्यायालय ने परीक्षा परिणाम जारी करने के निर्देश दिए थे। किंतु अभी तक आयोग को इसकी प्रमाणित प्रति नहीं मिल पाई है।
इधर आयोग प्रमाणित प्रति का इंतजार करता रहा और उधर 8 अभ्यर्थियों के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने आयोग के कार्यालय में आकर परीक्षा परिणाम जारी न होने को लेकर आयोग तथा आयोग के अधिकारियों के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया।
इस पर आयोग के सचिव ने एक नोटिस जारी किया है। इसमें संतोष बड़ोनी ने तीन चिन्हित प्रदर्शनकारियों की संस्तुति रोकते हुए शेष का रिजल्ट न्यायालय द्वारा प्रमाणित प्रति प्राप्त होने के बाद जारी करने की बात कही है।