देहरादून में आयरन स्टील कारोबार से जुड़ी एक फर्म द्वारा किए गए करोड़ों की जीएसटी चोरी का राज्य कर विभाग की विशेष अन्वेषण शाखा (SIB) ने पर्दाफाश किया है। प्रारंभिक जांच में फर्म पर फर्जी बिलिंग के जरिए लगभग ₹5 करोड़ का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लेने का आरोप साबित हुआ है।
यह कार्रवाई राज्य कर आयुक्त सोनिका के दिशा-निर्देशन और संयुक्त आयुक्त अजय कुमार के नेतृत्व में की गई। जांच में सामने आया कि फर्म ने बिना किसी वास्तविक माल आपूर्ति के, फर्जी बिल बनाकर ITC का फायदा उठाया।
फर्जीवाड़े का तरीका बेहद चौंकाने वाला
जांच के दौरान यह भी पता चला कि फर्म ने जिन वाहनों से माल ढुलाई दर्शाई थी, वे उस तारीख को किसी टोल प्लाजा से नहीं गुजरे। जिन तारीखों में ई-वे बिल जारी हुए, उन तारीखों पर वाहन अन्य लोकेशनों पर मौजूद थे। इसके अलावा, कई बिलों में ई-रिक्शा, कार और थ्री व्हीलर जैसे हल्के वाहनों से 15 से 20 टन माल ले जाने की बात दिखाई गई, जो व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।
फर्म ने ₹1.35 करोड़ मौके पर जमा कराए
उपायुक्त अजय बिरथरे ने जानकारी दी कि प्रारंभिक जांच में फर्म द्वारा फर्जी ITC लाभ लेने का खुलासा हुआ है। फर्म ने जांच के दौरान ₹1.35 करोड़ की राशि विभाग को मौके पर जमा भी करा दी है।
शेष राशि की वसूली प्रक्रिया जारी
विभाग शेष राशि की वसूली की प्रक्रिया में जुटा है। इसके साथ ही फर्म के जीएसटी रिटर्न, इनवॉइस और अन्य कारोबारी दस्तावेजों की भी गहन जांच की जा रही है।
कार्रवाई के दौरान उपायुक्त डीआर चौहान, योगेश मिश्रा, सुरेश कुमार, सहायक आयुक्त टीका राम चन्याल समेत विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद थे।