मनीष ब्यास मैक
पिछली कांग्रेस सरकार ने तख्तापलट के वक्त भाजपा में आए कांग्रेस के बागियों की उत्तराखंड में पैरलल सरकार चल रही है।
कारण यही है कि कांग्रेस से आए बागी नेता अपने साथ समर्थकों की इतनी बड़ी फौज लेकर आ गए हैं कि भाजपा में काम कर रहे पहले से ही भाजपा के कार्यकर्ता का बस इनकी विधानसभा क्षेत्रों में भी नहीं चल पा रहा है।
उदाहरण के तौर पर भाजपा के साथ कई दौर की नोंक-झोंक के बाद भी न तो रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ भाजपा को आत्मसात कर पाए हैं और न ही भाजपा कार्यकर्ता काऊ की टीम के साथ पटरी बैठा पाए हैं।
ताजा मामला देहरादून के माजरी क्षेत्र मे एक संस्था द्वारा मजदूरों को सामाग्री वितरण को लेकर भी सामने आया है। संस्था को क्षेत्र के श्रमिकों को सामग्री का वितरण कराना है लेकिन वितरण कौन करेगा, इसको लेकर स्थानीय भाजपा मंडल अध्यक्ष राजेश शर्मा और क्षेत्रीय विधायक उमेश शर्मा काऊ के बीच खींचतान आजकल चर्चा का विषय बनी हुई है।
इससे एक तरफ चर्चा के अनुसार क्षेत्रीय विधायक उमेश शर्मा काऊ माजरी क्षेत्र में सामग्री वितरण समारोह कराने को लेकर राजी नहीं है।
काऊ के समर्थकों का कहना है कि इस सामग्री का वितरण होगा तो विधायक जी के हाथों से ही होगा।
विधायक के समर्थक नहीं चाहते कि उनके क्षेत्र में विधायक के अलावा किसी और के हाथों यह सामग्री क्षेत्र में मजदूरों को बांटी जाए और इसका श्रेय किसी और के पाले में जाए। बहरहाल लाभार्थी मजदूरों के साथ ही श्रम विभाग के अधिकारी सर पकड़ कर बैठे हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर सत्ता के कर्ताधर्ता भी असमंजस में है कि आखिर क्षेत्र के इन दोनों दिग्गजों का आपसी सामंजस्य बैठे तो मजदूरों का भी भला हो।