भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ विवादास्पद बयान देने के चलते 2 विधायकों को नोटिस जारी किया है, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल भाजपा के महानगर अध्यक्ष विनय गोयल द्वारा दलित समुदाय के खिलाफ की जा रही आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर कोई संज्ञान तक नहीं लिया। जबकि विनय गोयल द्वारा दलितों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के विरोध में कांग्रेस ने धरना प्रदर्शन तक किया था।
गौरतलब है कि पिछले दिनों विधायक सुरेश राठौड़ ने ज्वालापुर में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी तो पार्टी ने तत्काल उनका जवाब तलब कर लिया। इसके बाद मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भाषण बाजी कर रहे राजकुमार ठुकराल का एक पुराना वीडियो पर्वतजन ने दिखाया तो भाजपा ने ठुकराल को भी तत्काल नोटिस जारी करके एक एक सप्ताह में जवाब देने का अल्टीमेटम दे दिया। इसके विपरीत विनय गोयल एक वीडियो में पूरे दलित समुदाय की गरिमा पर चोट पहुंचाते हुए कह रहे हैं कि यदि कोई दलित समुदाय का व्यक्ति हो और शराब तथा सट्टे के काम ना करता हो तो फिर भूल ही जाओ। “अर्थात दलित समुदाय का हर व्यक्ति शराब और सकते जैसे गलत धंधों में लिप्त रहता है।” व्यक्ति विशेष को छोड़कर पूरे समुदाय की गरिमा पर प्रश्नचिन्ह उठाने वाला यह वीडियो बेहद आपत्तिजनक है, लेकिन ना तो भाजपा ने विनय गोयल को नोटिस जारी किया और ना ही विनय गोयल ने कभी इस बात पर कोई स्पष्टीकरण दिया। इसका सीधा सा मतलब है कि भाजपा को दलित समुदाय की भावनाओं का ख्याल रखने से कोई मतलब नहीं है।
जबकि भाजपा ने ठुकराल को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि भाजपा “सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय” के सिद्धांत को मानती है और “सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास” पर यकीन रखती है।
भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय और प्रदेश संगठन लगातार दलित समुदाय की उपेक्षा और अपमान को लेकर चर्चाओं में बना रहता है। कभी दलितों के आरक्षण में कटौती की सुगबुगाहट को लेकर तो कभी दलितों के अपमान पर तत्काल गिरफ्तारी जैसे मामले में भाजपा घिरती रही है।
भाजपा की उपेक्षा और अपमान के चलते दलित समुदाय लगातार भाजपा से छूटता जा रहा है और दलित समुदाय को लेकर नए नए संगठन अपना वोट बैंक बना रहे हैं।
दलितों की याद भाजपा को सिर्फ चुनाव के वक्त आती है और तब एकाध दलित सम्मेलन करके मामला बराबर करने की कोशिश की जाती है।
दलित समुदाय के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के बावजूद भाजपा द्वारा कोई एक्शन न लिया जाना भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता को ही दर्शाता है। यह देखने वाली बात होगी कि मुस्लिम समुदाय के खिलाफ टिप्पणी पर तत्काल नोटिस जारी करने वाली भाजपा दलित समुदाय के खिलाफ बयान बाजी के मामले में क्या एक्शन लेती है।