कृष्णा बिष्ट
नेपाल जाने के लिए चार युवक आज काली नदी में कूद गए, जिनमें से 3 लोगों को तो नेपाल पुलिस ने पकड़ कर गिरफ्तार कर लिया लेकिन एक वापस लौट गया।
गौरतलब है कि धारचूला में अंतरराष्ट्रीय पुल नेपाल सरकार ने बंद कर रखा है। यह पुल 7 अप्रैल तक बंद रहेगा।
इसके कारण भारत में फंसे नेपाली नेपाल लौटने के लिए बहुत बेचैन हैं। इन सभी नेपालियों को धारचूला में एकत्र करके रखा गया है। इन्हें समझाने के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
धारचूला के एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला ने बताया कि नेपाल का पुल 7 अप्रैल तक के लिए बंद है तथा नेपाल सरकार से कई बार बात भी की जा चुकी है लेकिन वे अपने लोगों को लेने के लिए तैयार नहीं हैं। लिहाजा मित्र राष्ट्र होने के चलते इन लोगों को रहने खाने की व्यवस्था जौलजीबी, बलवाकोट और धारचूला में की जा रही है।
एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला ने आश्चर्य व्यक्त किया कि यह लोग सिर्फ पिथौरागढ़ के ही नहीं है बल्कि महेंद्र नगर, दिल्ली, बनबसा, बौतड़ी, काठमांडू आदि इलाकों से भी धारचूला में आ गए हैं।
इनके यहां पर आने का कारण समझ में नहीं आ रहा है। बहरहाल नेपाल सरकार द्वारा इनको न लिए जाने के चलते नेपालियों ने भारत जिंदाबाद और नेपाल मुर्दाबाद के नारे लगाए। आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि यह लोग विभिन्न राज्यों से होते हुए यहां तक छुपते छुपाते कैसे पहुंच गए ! लॉक डाउन की कड़ी व्यवस्था के बावजूद इनका धारचूला पहुंच जाना भारत तथा उत्तराखंड की सुरक्षा व्यवस्था पर भी एक प्रश्न चिन्ह है।