इसके अतिरिक्त रिपोर्ट में अन्य मदो में भी लगभग 151.17 लाख की अनियमितता प्रकाश में आयी जिसके लिये वर्तमान प्रभारी कुलपति एवं कुलसचिव से लेकर कई पूर्व कुलपति एवं कुलसचिव है जिम्मेदार, उत्तराखंड शासन ने महालेखाकार की रिपोर्ट पर विश्वविद्यालय से मांगा समयबद्ध/प्राथमिक रिपोर्ट, गिर सकती है कई लोगों पर गाज।
ज्ञात हो आये दिन अपने अजीबोगरीब कारनामों को लेकर शुर्खियो में रहने वाला यह विश्वविद्यालय महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट में करोड़ो रूपये की अनियमितता को लेकर पुनः शुर्खियो में आ गया जिसमें सरकारी राजस्व की क्षति के साथ साथ नियमविरुद्ध बिना अहर्ता के कई शिक्षकों के पदोन्नति का मामला उजागर हुआ है।
इसका लाभ लेने वालों में विश्वविद्यालय के वर्तमान प्रभारी कुलपति डॉ सुनील जोशी, प्रभारी कुलसचिव डॉ माधवी संजय गोस्वामी,चर्चित प्रोफेसर कल्पना शर्मा आदि का नाम प्रमुखता से उजागर हुआ है, जिन्होने अभी तक अपनी अवैध पदोन्नति के आधार पर कई प्रमुख पदों की शोभा बढ़ाते हुए नियमित कुलपति हेतु जारी प्रक्रिया में सबसे प्रमुख दावेदारी प्रस्तुत किया है।
वर्तमान प्रभारी कुलपति और कुलसचिव ने शिक्षकों के कैरियर एडवांसमेंट स्कीम(CAS) के तहत पदोन्नति हेतु पूर्व में जारी विज्ञापन में अपने करीबियों को लाभ पहुंचाने हेतु भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा निर्धारित मानकों की अनदेखी कर मनचाही संशोधित विज्ञप्त जारी कर दिया है जिससे कई पात्र अभ्यर्थी अयोग्य हो गए।