स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने निजी वाहन का उपयोग करने के आरोप में अल्मोड़ा में तैनात सिविल जज सीनियर डिविजन, न्यायिक मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही उन्हें निलंबित अवधि में देहरादून जिला कोर्ट से सम्बद्ध कर दिया है।
उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी के 22 फरवरी के हस्ताक्षर वाले पत्र से एक आदेश जारी किया गया है । आदेश में निलंबित जज पर सेवा नियमावली के उल्लंघन का आरोप लगने के बाद यह कार्रवाई की गई है। उच्च न्यायालय के आदेश में कहा गया है कि अल्मोड़ा के सिविल जज(सीनियर डिविजन)अभिषेक कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ शिकायत मिली थी कि उनके और उनके परिवार के सदस्यों ने एक आरोपी चंद्र मोहन सेठी के निजी वाहनों का उपयोग दिल्ली, गाज़ियाबाद और नोएडा में अपने रिश्तेदारों से मिलने जाने के लिए किया था। बताया गया कि आरोपी चंद्र मोहन सेठी का वर्ष 2013 का एक आपराधिक मामला अल्मोड़ा के सिविल जज की अदालत में विचाराधीन है।
आदेश में कहा है कि अभिषेक ने आरोपी को फायदा पहुंचाने के लिए बिना किसी कारण के उसका केस अलग कर दिया । आदेश में कहा गया है कि अभिषेक कुमार श्रीवास्तव की सत्य निष्ठा पर गंभीर संदेह होता है जो आचरण नियमों के तहत कदाचार की श्रेणी में आता है और उत्तराखंड सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 के नियम-30 के आचरण का उल्लंघन है।
अभिषेक की तनख्वाह को भी उनके सस्पेंशन के समय की तनख्वाह का नियमों के अनुसार आधा कर दिया गया है । उच्च न्यायालय के पत्र में कहा गया है कि अभिषेक को तनख्वाह तभी दी जाएगी जब वो लिखित पत्र में ये प्रमाण पत्र देंगे कि वो किसी भी व्यापारिक रिश्तों में शामिल नहीं हैं । अभिषेक तब तक देहरादून के जिला जज मुख्यालय के साथ अटैच रहेंगे और वो बिना न्यायालय की अनुमति के शहर नहीं छोड़ेंगे।
बता दें कि इससे पहले भी देहरादून के न्यायाधीश को एक आरोपी का वाहन उपयोग करने के आरोप में निलंबित किया गया था ।