कृष्णा बिष्ट
पिछले दिनों बागेश्वर जिले के कांडा तहसील के युवक पवन की नाई के काम वाली कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर आई तो तत्काल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर यह तस्वीरें लगा दी और ट्वीट किया।
ट्वीट का संदेश कुछ ऐसा गया कि जैसे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली हो। इस पर गोदी मीडिया और प्रशंसकों ने मुख्यमंत्री को बधाइयां भी दे डाली।
लेकिन ट्वीटर पर ही सीएम को लोगों ने इस को लेकर खूब खरी खोटी सुना डाली।
कंडे कन्याल गांव का यह 24 वर्षीय युवक कहता है कि उसको डॉक्टर ने खड़े होने से भी मना किया हुआ है तथा उसके पैर का स्ट्रक्चर भी खराब हो चुका है। पत्रकार तथा सोशल एक्टीविस्ट उमेश कुमार ने पवन से बात की और उनको डॉक्टर के पास भिजवा कर तत्काल एक्स-रे आदि की व्यवस्था कराई।
डॉक्टर ने युवक को नाई का काम बदलने की सलाह दी है। तथा कहा है कि यदि वह यह काम करेगा तो ज्यादा खड़े रहने पर उसका पांव बेकार हो जाएगा।
पवन कहता है कि घर में आर्थिक हालात बेहद खराब हैं। बायोलॉजी आदि विषयों से 12वीं पास पवन कहता है कि घर के आर्थिक हालात खराब होने के बाद उन्हें आजीविका का जुगाड़ करना पहली प्राथमिकता बन गया।
गौरतलब है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस युवक की तस्वीर के साथ ट्वीट किया था और युवक को “स्वरोजगार के प्रेरणा” स्रोत बताया था। युवक को लेकर कई ट्वीट भी किए थे किंतु संभवत आप त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक भी बार खुद या अपने सलाहकारों के माध्यम से युवक से संपर्क करने की कोशिश तक नहीं की। यदि की होती तो वह युवक की इस तरह की विवशता को स्वरोजगार तो कतई नहीं कहते और ना ही पूरे देश में इस मजबूरी को अपनी सफलता की तरह ट्वीट करने की बेशर्मी करते।
सोशल एक्टिविस्ट भारत रावत कहते हैं कि आखिर उत्तराखंड सरकार ने इस युवक को क्या ट्रेनिंग दी या लोन की व्यवस्था कराई अथवा क्या पलायन आयोग ने इस युवक की कोई मदद की जो सरकार इतनी बेशर्मी से अपनी पीठ थपथपा रही है
मुख्यमंत्री की इस ट्वीट पर लोगों ने काफी खिंचाई करने वाले जवाब दिए हैं।
ट्विटर पर हुए सीएम ट्रोल
कार्तिक नाम की एक आईडी से एक व्यक्ति का कहना है कि रावत जी इस शानदार मुहिम की शुरुआत आपके ही द्वारा हो जाए आप भी मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर नाई की दुकान खोल ले फिर हम सब भी यह करने को तैयार हैं।
एक और युवक राहुल चुफाल कहता है कि यह तो बेशर्मी की हद है कि लोग लाखों खर्च कर इंजीनियरिंग डॉक्टर बनने की पढ़ाई कर रहे हैं और हमारे मुख्यमंत्री जी चाहते हैं कि हम बाल काटे, मुर्गी मछली पाले। इससे अच्छा वह लाखों रुपए की मुर्गी खरीद लेते जो पढ़ाई में लगाया क्योंकि रोजगार देना आपके बस का नहीं रहा।
अभिशेष पुंडीर का कहना है कि जब सरकार से कुछ ना हो पाए तो ऐसा करना भी लाजमी है, तो शक्ति सिंह कहते हैं, रावत जी हम इंजीनियर हैं क्या हम भी पान बीड़ी की दुकान खोले नैनीताल में !
एक युवक ने कमेंट किया है कि मोदी जी पकोड़े तलने की बात कहते हैं और मुख्यमंत्री जी इस तरह के काम को अपनी उपलब्धि बता रहे हैं नाम के युवक ने मुख्यमंत्री को कहा है कि स्वरोजगार व्यवस्था को नहीं बोलते पंकज ने सीएम को नसीहत देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री होने के नाते प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था सुधारनी थी, बिजली पानी इत्यादि में युवाओं को रोजगार देना था।