विजेंद्र राणा
देहरादून। उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग ने पर्वतजन में प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए कोरोना जैसी महामारी व अत्यंत संवेदनशील विषय को आयोग के समक्ष उठाए जाने के लिए मानवाधिकार कार्यकर्ता भूपेंद्र कुमार की सराहना की है। बीमारी से निपटने के लिए आयोग ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सख्ती से कार्य करने की संस्तुति की है।
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को लेकर मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड ने राज्य में आने वाले प्रत्येक विदेशी नागकि का प्रवेश इस दौरान प्रतिबंधित किए जाने की संस्तुति की है। यही नहीं दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटकों का प्रवेश भी इस दौरान प्रतिबंधित किए जाने को कहा गया है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता भूपेंद्र कुमार ने मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड के समक्ष शिकायत की थी कि कोरोना वायरस का खतरा के बीच उत्तराखंड के राजाजी पार्क के चौरासी कुटिया में अंग्रेजों का तांता लगा हुआ है। कोरोना जैसी महामारी की आशंका के चलते इन विदेशी टूरिस्ट के आवागम में तत्काल रोक लगाई जाएगी। इसके लिए भूपेंद्र कुमार की मानवाधिकार आयोग ने प्रशंसा की है।
इस पर भूपेंद्र कुमार के अति संवेदनशील पत्र का मानवाधिकार आयोग ने तत्काल संज्ञान लिया और उत्तराखंड में विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगाए जाने की संस्तुति की। आयोग ने कहा है कि पर्यटकों पर भी इस दौरान रोक लगाई जानी चाहिए। यही नहीं बाहरी राज्यों से आने वाले मजदूरों पर भी रोक लगनी चाहिए।
राज्य में आने वाले समस्त लोगों का प्रवेश स्थानों एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डा आदि में अनिवार्य रूप से चिकित्सकीय जांच के लिए कहा है। यही नहीं मानवाधिकार आयोग ने भीड़भाड़ वाली जगहों पर 10 से अधिक लोगों की उपस्थिति भी सही नहीं बताई है।
यह भी कहा गया है कि कोई भी संदिग्ध व्यक्ति अपनी मेडिकल जांच करवाना चाहता है, वह उस दूरभाष नंबर पर फोन कर जांच के लिए समय ले तथा जांच टीम उसके बताए हुए स्थान पर जाकर उसका जांच हेतु नमूना ले तथा जांच का परिणाम फोन पर उस व्यक्ति को सूचित किया जाना चाहिए, क्योंकि जांच केंद्र में मरीजों को सेंपल लेने को बुलाने स्थिति में बीमारी फैलने की आशंका रहती है। आइसोलेशन केंद्रों की भी ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए, जिससे एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के संपर्क में न आए।