रिपोर्ट:सुशील खत्री
-मामला पकड़ में आने के बाद शिक्षिकाओं ने दिया त्यागपत्र, विभाग ने नहीं की कोई कार्रवाई
पिथौरागढ़। प्रदेश में शिक्षा व्यवस्थाओं को बेहतर कर विद्यार्थियों का भविष्य बेहतर बनाने के दावे हो रहे हैं। जब फर्जी डिग्री के सहारे सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती होगी तो विद्यार्थियों का भविष्य कैसे संवर सकता है।
ऐसे ही मामले कनालीछीना विकासखंड में सामने आए हैं, जब डीएलएड की फर्जी डिग्री के सहारे दो विद्यालयों में दो शिक्षिकाओं की तैनाती हो गई।
हैरानी है कि जांच में मामला पकड़ में आने के बाद भी विभाग अंजान बना रहा और दोनों शिक्षिकाएं त्यागपत्र देकर घर लौट गईं। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद भी विभाग ने क्यों कार्रवाई नहीं की इस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं!
बीते दिनों प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती हुई। तैनाती के बाद शिक्षकों की डीएलएड की डिग्री सहित अन्य दस्तावेजों की जांच की गई।
कनालीछीना विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय सौगांव और गैडाली में तैनात दो शिक्षिकाओं की डीएलएल की डिग्री की सत्यता जांचने के लिए बीते नवंबर महीने में मध्य प्रदेश की सागर यूनिवर्सिटी से संपर्क किया गया।
यूनिवर्सिटी ने संबंधित डिग्री को पूरी तरह फर्जी बताते हुए इससे संंबंधित पत्र शिक्षा विभाग को भेजा। पूरा फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद भी विभाग मामले में चुप है।
वहीं मामला पकड़ में आने के बाद संबंधित शिक्षिकाओं ने इस पर पर्दा डालने के लिए त्यागपत्र देकर घर की तरफ रुख किया है। हैरानी है कि विभाग ने इस फर्जीवाड़े को लेकर न तो विभागीय कार्रवाई की और न फर्जी शिक्षिकाओं के खिलाफ केस।
ऐसे में विद्यालयों में फर्जी शिक्षकों के भरोसे बच्चों का भविष्य कैसे उज्जवल होगा यह आसानी से समझा जा सकता है।
अब मामला खुलने के बाद अधिकारी दोनों के खिलाफ कार्रवाई की बात कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
अब तक त्यागपत्र भी स्वीकार नहीं
फर्जी डिग्री से शिक्षक बनने का मामला शिक्षा विभाग के सामने करीब 15 दिन पूर्व सामने आया। कोई कार्रवाई न कर विभाग मामले को दबाने में अब भी जुटा है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब तक भी विभाग ने दोनों शिक्षिकाओं का त्यागपत्र स्वीकार नहीं किया है इस बात को स्वयं अधिकारियों ने स्वीकारा है।
एक महीने का वेतन भी हुआ जारी
जानकारी के मुताबिक, दोनों शिक्षिकाओं को विभाग ने एक महीने का वेतन भी जारी किया है। जब डीएलएड की फर्जी डिग्री का मामला सामने आया तो दोनों ने त्यागपत्र दे दिया। दोनों शिक्षिकाओं के खिलाफ विभाग कार्रवाई के साथ ही उनके वेतन की वसूली करेगा या उन्हें छोड़ देगा यह बड़ा सवाल है।
कोट-जांच में दोनों शिक्षिकाओं की डीएलएड की डिग्री फर्जी मिली। दोनों के त्यागपत्र देने की जानकारी है लेकिन अब तक उनका त्यागपत्र स्वीकार नहीं किया गया है। दोनों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
तरुण कुमार पंत, जिला शिक्षा अधिकारी, बेसिक, पिथौरागढ़।