देहरादून, 27 नवम्बर।
डॉल्फ़िन (पी.जी.) इंस्टीट्यूट, देहरादून में आज रक्तदान शिविर का सफल आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं गैर–शिक्षण कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए स्वेच्छा से रक्तदान किया। शिविर में कुल 125 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ संस्थान के चेयरमैन अरविंद गुप्ता ने स्वयं रक्तदान कर के किया। उन्होंने सबसे पहले रक्तदान कर छात्रों और स्टाफ के बीच प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि, “रक्त का कोई विकल्प नहीं है, यह तभी उपलब्ध हो सकता है जब स्वस्थ व्यक्ति आगे बढ़कर स्वेच्छा से रक्तदान करें। नियमित रक्तदान न केवल किसी ज़रूरतमंद की जान बचाता है, बल्कि दाता के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है।”
उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे जन्मदिन, विशेष अवसरों या सामाजिक आयोजनों पर केवल औपचारिकता तक सीमित न रहें, बल्कि रक्तदान जैसे मानवीय कार्यों में भाग लेकर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएँ।
शिविर में विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों ने बढ़–चढ़कर भाग लिया। बड़ी संख्या में छात्र–छात्राओं ने पहली बार रक्तदान करते हुए इसे अपने जीवन का यादगार अनुभव बताया। अनेक शिक्षकों और स्टाफ सदस्यों ने भी आगे बढ़कर रक्तदान किया और विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाया।
इस कार्यक्रम का समन्वयन डॉल्फ़िन स्टूडेंट वेलफेयर काउंसिल (DSWC) टीम एवं डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर श्री विपुल गर्ग द्वारा किया गया। उनके साथ छात्र–कल्याण एवं आयोजन समिति के अन्य सदस्यों ने भी सक्रिय भूमिका निभाते हुए शिविर की रूपरेखा, जागरूकता, पंजीकरण एवं व्यवस्थाओं को सफलतापूर्वक संचालित किया।
संस्थान प्रबंधन ने बताया कि ऐसे कार्यक्रमों का उद्देश्य छात्रों में सामाजिक संवेदनशीलता, सेवा–भाव तथा मानवीय मूल्यों को सशक्त करना है। डॉल्फ़िन इंस्टीट्यूट भविष्य में भी समय–समय पर इस प्रकार के स्वास्थ्य एवं जन–जागरण कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा, ताकि समाज के अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित रक्त उपलब्ध हो सके और स्वैच्छिक रक्तदान की संस्कृति को बढ़ावा मिल सके।
कार्यक्रम के सफल संचालन में संस्थान के फैकल्टी सदस्यों, प्रशासनिक टीम, DSWC के स्वयंसेवी विद्यार्थियों तथा सहयोगी संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही। अंत में प्रबंधन की ओर से सभी रक्तदाताओं और सहयोगी टीम को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।


