राजाजी टाइगर रिजर्व में जानवरों और शिकारियों पर ड्रोन कैमरे से नजर रखने की तैयारी
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। राजाजी टाइगर रिजर्व के वन कर्मी अब आधुनिक तकनीक से लैस होने लगे है। जानवरों और शिकारियों पर भी ड्रोन कैमरे से नजर रखने की तैयारी की जा रही है। पार्क के दक्षिणी छोर के बाद आज चीला सबडिवीजन की तीन रेंजो के वनकर्मियों को ड्रोन से गस्त करने के गुर सिखाए गए। यहां स्थित चीला रेंज मुख्यालय में गोहरी व रवासन सहित चीला के वन कर्मियों ने ड्रोन ऑपरेट करने के गुर सीखे।
वन्य जीव प्रतिपालक ललित प्रसाद टम्टा ने बताया कि, वर्तमान दौर में आधुनिक तकनीक से गस्त किये जाने पर जोर दिया जा रहा है। इनका कहना है कि, राजाजी टाइगर रिजर्व के पश्चिम भाग में ड्रोन कैमरे से निगरानी और गस्त करने का प्रशिक्षण हो गया था, मगर कुछ कारणों से हमारे पूर्वी भाग चिला डिवीजन में वन कर्मियों को ड्रोन कैमरा प्रशिक्षण देना रह गया था। राजाजी टाइगर रिजर्व की तीनों रेंजों में ड्रोन कैमरे से नजर रखी जाएगी। जिस क्षेत्र में वन कर्मी नहीं पहुंच सकते वहां पर आधुनिक तरीके से ड्रोन कैमरेे से नजर रखी जा सकती है और यह पार्क के लिए काफी महत्वपूर्ण प्रशिक्षण है।
वहीं चीला रेंज के रेंजर अनिल पैन्यूली का कहना है कि, राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में काफी पहाड़ी इलाका है। गंगा का क्षेत्र है और इस रेंज में बाघों का कुनबा भी बड़ा है। इस कारण यह रेंज काफी महत्वपूर्ण है। विदेशों में काफी मॉडल तकनीक से निगरानी की जाती है। इसी कारण हमारे द्वारा भी ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी और यह जानवरों की सुरक्षा के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। आज हमारे द्वारा ड्रोन कैमरा चलाने का प्रशिक्षण लिया गया है और पार्क में निगरानी ड्रोन कैमरे से हमारे द्वारा आज से ही शुरु कर दी गई है। ड्रोन कैमरा बाघों की सुरक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि रेंज में बाघ काफी संख्या में है। इसलिए यहां आशंका हमेशा बनी रहती है शिकारियों के रेंज में आने की।
राजाजी टाइगर रिजर्व में वन जीवो की सुरक्षा के साथ ही शिकारियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे की मदद ली जा रही है और यह तकनीक काफी कारगर भी साबित होगी, क्योंकि पार्क में कई ऐसे क्षेत्र है जहां पर वन कर्मी नहीं पहुंच पाते। अब ड्रोन की मदद से वन कर्मी वहां पर भी नजर रख सकेंगे।