राजिक खान
पूरे प्रदेश में रिवर ट्रेनिंग के नाम पर आवंटित हुए खनन पट्टे शुरू से ही विवादों के घेरे में हैं। लगातार पूरे प्रदेश में रिवर ट्रेनिंग के खनन पट्टों को लेकर अक्सर खबर प्रसारित होती रहती हैं। कई समाजसेवी और कई पत्रकार लगातार रिवर ट्रेनिंग के पट्टों की आड़ में हो रहे अवैध खनन और अनियमितताओं को लेकर आवाज उठाते आ रहे हैं।
आपको बता दें ऐसा ही हाल पछवादून के शिमला रोड पर आवंटित हुए रिवर ट्रेनिंग के पट्टो का भी है जिसमें मलूकचंद खाला और भूलराव खाले के नाम से आवंटित खनन पट्टों में जमकर सभी नियमों को दरकिनार कर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नियमानुसार रिवर ट्रेनिंग के पट्टों से 1 मीटर तक की खुदाई कर खनन करने के अनुमति है, जबकि पट्टा स्वामियों के द्वारा सडक से ऊपर जंगल की तरफ 1 मीटर से भी अधिक का खुदान कर मानकों की अनदेखी की जा रही है। जिससे बरसाती खालो की गहराई अधिक होने की वजह से बरसात में ऊपर की तरफ से आने वाले पानी का जल स्तर अधिक हो जाने के कारण आसपास स्थित आबादी के घरों में पानी भर जाने और जान माल का भी नुकसान होने की पूरी पूरी आशंका है।
आपको बता दें इन खनन पट्टों से खनन सामग्री ले जाने वाले वाहन यातायात के नियमों का भी उल्लंघन कर जमकर ओवरलोड खनन सामग्री भरकर ले जा रहे हैं, जिससे हमेशा दुर्घटनाओ की आशंका बनी रहती है। पूर्व में भी खनन से भरे ओवरलोड वाहनों से कई बार बड़ी-बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी है और कई लोगों की जाने भी गयी है। बावजूद इसके प्रशासन अपनी आंखें मूंदे बैठा है और फिर दोबारा किसी बड़ी दुर्घटना के होने के इंतजार में है।
हसनपुर के ग्रामीणों ने उप जिलाधिकारी विकासनगर को एक लिखित शिकायत देकर अवगत भी कराया था कि उनकी पंचायत में आवंटित पट्टा स्वामी को खसरा नंबर 1027 और 450 में से खनन सामग्री उठाने की अनुमति है, लेकिन पट्टा स्वामी सिर्फ 1027 नंबर से ही खनन करवा रहा है, जबकि 450 नंबर में गांव का आबादी क्षेत्र आता है और जो खुदान चुगान का कार्य हो रहा है, उसमें सड़क से ऊपर जंगल की तरफ 1 मीटर से अधिक 5 से 7 फ़ीट तक का खनन किए जाने की वजह से ऊपर से बरसात के पानी का स्तर बढ़कर आएगा और सड़क के इस तरफ आबादी क्षेत्र में लोगों के घरों में घुस जाएगा, जिससे जान माल का नुकसान होने की काफी आशंका है। ग्रामीणों में इस बात को लेकर काफी रोष व्याप्त है।
वहीं दूसरी ओर उप जिलाधिकारी विकासनगर का कहना है कि पट्टा स्वामी को एक ही खसरा नंबर 1027 से खनन सामग्री उठाने की अनुमति मिली हुई है, लेकिन फिर भी ग्रामीणों की समस्या को ध्यान में रखते हुए 450 खसरा नंबर के खाले के दोनों और बीच से चुगान करवा कर एक किस्म की सेफ्टी वाल जैसी बनवा दी जाएगी और किसी प्रकार के जानमाल का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
अब देखना यह है कि तय मानकों से अधिक खनन और ओवरलोड भरकर निकलते वाहनों को तहसील प्रशासन और पुलिस प्रशासन कितनी गंभीरता से लेता है और किस तरह की कार्यवाही अमल में लाता है।