रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड जल संस्थान संविदा श्रमिक संघ (रुद्रप्रयाग शाखा) ने ठेकेदारी प्रथा में कार्यरत लाइन फीटर, बालमैन और अन्य श्रमिकों को श्रम मानकों के तहत न्यूनतम वेतन और ईपीएफ का लाभ न मिलने पर कड़ा विरोध जताया है। संघ ने इसे श्रमिकों के शोषण की सोची-समझी साजिश करार दिया है।
श्रमिक संघ का कहना है कि इस मुद्दे को लेकर कई बार विभाग को पत्राचार और मौखिक वार्ता के माध्यम से अवगत कराया गया, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला। संघ ने आरोप लगाया कि 10 अक्टूबर 2024 को देहरादून स्थित मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय में हुए धरना प्रदर्शन के दौरान श्रमिकों की 15 मांगों पर सहमति बनी थी। लेकिन तीन महीने बीत जाने के बावजूद श्रमिकों के हित में समझौते को लागू नहीं किया गया।
संघ ने चेतावनी दी है कि अगर 20 फरवरी तक इन मांगों का समाधान नहीं किया जाता है, तो वे धरना प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार करने के लिए बाध्य होंगे। संघ ने स्पष्ट किया कि इस आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी विभाग की होगी।
अब देखना होगा कि विभाग इस चेतावनी पर क्या कदम उठाता है और श्रमिकों की मांगों पर क्या निर्णय लिया जाता है।