उत्तराखंड, ऊ. सि. नगर
किच्छा -दिलीप अरोरा
किच्छा शहर मे लगातार कोरोना गाइड लाइन का मजाक ही बनता रहा है और अब क्षेत्रीय प्रशासन डेल्टा प्लस वैरियंट से अनजान दिख रहा है, क्योंकि जिस प्रकार से टैम्पो चालक उत्तर प्रदेश से आने वाली सवारियों को बैठा रहे हैं ,उसको देख कर तो यही कहा जा सकता है कि, अंधेर नगरी चौपट राजा।
इन पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो रही है। जिसकी वजहा से यह लगातार कोविड नियमों मे साथ साथ यातायात नियमों की भी हवा निकालते जा रहे है।
कई वर्षो से एक समस्या क्षेत्रीय जनता को लगातार परेशान करती रही है और आजतक इस पर कभी प्रशासन ने कोई ठोस कार्यवाही नहीं की ,जिससे जनता को इस समस्या से पूर्ण निजात मिल सके।
लगातार समाचार पत्रों मे टैम्पो चालकों द्वारा और इससे समाज को होती समस्याओ का जिक्र होता रहा है। बावजूद इसके प्रशासन ने कभी ठोस कार्यवाही नहीं की और पूर्व मे भी इनकी अज्ञानता के चलते बहुत से सड़क हादसे हो चूके है।
फिलहाल अभी कोरोना काल चल रहा है और इसके लिए शासन द्वारा भी नियमावली लागू की जा चुकी है। जिसमें थोड़े थोड़े अंतराल मे संशोधन भी होता जा रहा है और कर्फ्यू मे छूट भी मिलती जा रही है।
नियमानुसार अभी भी प्राइवेट वाहन जरूरत से ज्यादा सवारी नहीं भर सकते और वाहन मे यात्रियों का भी मास्क लगाना अनिवार्य है।
बावजूद इसके किच्छा कोतवाली के सामने और रेलवे स्टेशन के पास टैम्पो चालकों की मनमानी से यहां जाम के हलात बन जा रहे है और तो और यह लोग अनुमानित सवारी से भी ज्यादा सवारी भरकर कोरोना काल मे भी डग्गामारी कर रहे है।साथ ही ड्राइवर सीट पर भी सवारी बैठा रहे है और पीछे की सीट पर भी।
इनको किसी की भी जान माल के नुकसान से कोई भी मतलब नहीं है।इनके विरुद्ध हर बार पुलिस विभाग को शिकायते मिलती रही है बावजूद इसके आज भी यह समस्या जस की तस है।
टैम्पो चालकों के लिए किच्छा का डीडी चौक निर्धारित स्थान है। जहां से यह सवारी भरकर रुद्रपुर जा सकते है। बावजूद इसके जैसे ही ट्रेन के आने का समय होता है, यह लोग मुख्य बजार से होते हुए हल्द्वानी मार्ग रेलवे स्टेशन तक पहुंच कर अपने वाहन खडे कर देते है और मुख्य मार्ग पर खडे होकर उत्तर प्रदेश से आने वाले यात्रियों को ज्यादा संख्या मे अपने वाहन मे कोरोना गाइड लाइन का मजाक बनाते हुए पुलिस को मुँह चिढ़ाते आसानी से मुख्य बजार से होते हुए रुद्रपुर निकल जाते है।
यही नहीं रास्ते मे लालपुर चौकी भी पड़ती और टोल प्लाजा भी बावजूद इसके यह बेखौफ ओवर लोड होकर कोरोना गाइड लाइन की धज्जियाँ उढ़ाते लगातार नजर आ रहे है।
ज़ब भी इनको सख्त आदेश दिए जाते है और यातायात नियमों का हवाला देते हुए प्रशासन इनको अनुमानित सवारी बैठा कर चलने को कहता है तो यह लोग इसका फायदा यात्रियों के लिए किराया बढ़ाकर उठाते है।
यही नहीं कुछ दिन ऐसा चलने के बाद फिर पुनः यह लोग डग्गामारी करने लग जाते है और यात्रियों का किराया इसी प्रकार से बढ़ा दिया जाता है।
फिलहाल शहर की यह समस्या जनता के लिए और आम जनमानस के लिए सर दर्द बन चुकी है। अब देखना होगा कि, किच्छा का प्रशासन इस पर कैसी ठोस कार्यवाही करता है। जिससे यह समस्या पूर्ण रूप से समाप्त हो सके।
फिलहाल तो न आरटीओ साहब को परवाह है और न क्षेत्रीय प्रशासन को और नियमों की धज्जियाँ उड़ना जारी है जिस वजहा से कभी भी कोई बड़ा सड़क हादसा हो सकता है।