स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने क्वारंटीन सेंटरों की बदहाल व्यवस्था को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मेलाधिकारी से मेले के लिए किए गए कार्यों का ब्यौरा देने को कहा है ।
सोमवार को उच्च न्यायालय में राज्य सरकार द्वारा कुम्भ मेले की तैयारियों को लेकर शपथ पत्र पेश किया गया, जिसपर न्यायालय असन्तुष्ट दिखा । न्यायालय ने मेलाधिकारी को निर्देश दिए कि कुंभ को लेकर क्या क्या तैयारियाँ की गई है और कितने कार्य शेष बचे है ? उनकी लिस्ट बनाकर शपथ पत्र के माध्यम से न्यायालय में 3 मार्च तक पेश करें।
न्यायालय ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव(चीफ सैकेट्री)से सवाल किया है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी एस.ओ.पी.पर कितना अमल किया जा रहा है और हरिद्वार में कितने लोगो को वैक्सीन लगा दी गयी है तथा कुम्भ को लेकर आपके पास कितना मेडिकल स्टाफ मौजूद है ? इसकी विस्तृत जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से 3 मार्च तक न्यायालय में पेश करे। आज सुनवाई के दौरान याचिकर्ता के अधिवक्ता द्वारा न्यायालय को बताया गया कि कुंभ को लेकर अभी भी हरिद्वार में फ्लाई ओवर का कार्य पूरा नही हुआ है और हरिद्वार की आंतरिक सड़को का निर्माण कार्य भी पूरा नही हुआ। जिसपर न्यायालय ने मेलाधिकारी और मुख्य सचिव से विस्तृत शपथ पत्र पेश करने को कहा है ।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आर.एस.चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई। अगली सुनवाई तीन मार्च की तिथि नियत की है।मामले के अनुसार अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने क्वारन्टीन सेंटरों व कोविड अस्पतालों की बदहाली और उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर हाईकोर्ट में अलग अलग जनहित याचिकायें दायर की थी।
पूर्व में बदहाल क्वारंटाइन सेंटरों के मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर माना था कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में हैं और सरकार की ओर से वहां पर प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। जिसका संज्ञान लेकर कोर्ट अस्पतालों की नियमित मॉनिटरिंग के लिये जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिले वार निगरानी कमेटीया गठित करने के आदेश दिए थे और कमेटियों से सुझाव माँगे थे।