स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल) :-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने ऋषि गंगा तपोवन और विष्णुगाड पर बन रहे हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पांचों याचिकाकर्ताओ पर न्यायालय का समय व्यर्थ करने के लिए दस दस हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए जनहित याचिका को खारिज कर दिया है।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश आर.एस.चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई। मामले के अनुसार रैणी गाँव निवासी संग्राम सिंह व चार अन्य ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि रैणी गाँव के तपोवन और विष्णु घाट में बन रहे हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है।
लिहाजा इन प्रोजेक्ट को बंद करते हुए वन विभाग द्वारा दी गयी अनुमति को निरस्त किया जाए । उन्होंने ये भी मांग की थी कि रैणी गाँव के लोगों को विस्थापित किया जाए और प्रभावितों को मुआवजा दिया जाय। न्यायालय ने समय व्यर्थ करने से नाराज होकर पांचों याचिकाकर्ताओं पर दस हजार प्रति व्यक्ति जुर्माना लगाया है ।