अपनी पत्नी के हत्यारे विधायक अमन मणि को बद्री केदार का पास जारी कराने वाले ओमप्रकाश के खिलाफ आज पहली तहरीर पुलिस के मुखिया को दे दी गई है।
अब देखने वाली बात होगी कि पुलिस के मुखिया ओमप्रकाश पर क्या कार्रवाई करते हैं !
पास प्रकरण पर जांच की बात कहने वाली त्रिवेंद्र सरकार ने अभी तक 48 घंटे बाद भी जांच अधिकारी तक तय नहीं कर सका है, जबकि कल उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपने बिगड़ैल विधायक को गिरफ्तार करने के घंटे भर मे ही उसकी गाड़ियां सीज़ करके, मुकदमा दर्ज करके उसे 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन भी कर दिया था।
लेकिन बड़ा सवाल यही है कि उत्तराखंड में आखिर बिल्ली के गले में घंटी बांधेगा कौन ! यहां सब चूहों की फौज है।
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल बनवासी ने पुलिस महानिदेशक को ओमप्रकाश के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर सौंपी है।
गोपाल बनवासी ने अपनी तहरीर में कहा है कि ओमप्रकाश ने विधायक अमनमणि को लाॅकडाउन के उल्लंघन करने में भरपूर सहयोग किया है और उसे राज्य की सील सीमाओं से पार भी कराया है। ऐसा गंभीर कृत्य कारित करने के लिए ओमप्रकाश के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
गोपाल बनवासी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के स्वर्गीय पिता के पृत्र कार्य करने के लिए झूठ बोल कर बद्री केदार का सैर सपाटा करने के लिए पास बनाने हेतु पत्र जारी करने पर ओम प्रकाश के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
ओम गोपाल बनवासी ने कहा कि जिन धाराओं में अमनमणि के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, उन्हीं धाराओं में ओमप्रकाश के खिलाफ भी अभियोग पंजीकृत किया जाना चाहिए।
गोपाल बनवासी ने चेतावनी दी है कि यदि अभियोग पंजीकृत नहीं किया गया तो रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया कोर्ट जाकर अपराध पंजीकृत कराने के लिए बाध्य होगा।
यही नहीं गोपाल वनवासी का कहना है कि ओमप्रकाश ने उत्तराखंड सरकार सहित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी छवि धूमिल की है।
लोग अमनमणि को पास जारी कराने के लिए ओम प्रकाश की भूमिका के साथ-साथ अनंत कुमार की भूमिका की भी जांच कराने की मांग कर रहे हैं।
गौरतलब है कि अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश उत्तराखंड के आंदोलनकारियों पर गोली चलाने के लिए आरोपित नौकरशाह अनंत कुमार के समधी हैं।
कांग्रेस भी इस मामले को लेकर सरकार पर हमलावर हो गई है और कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह सहित प्रवक्ता सूर्यकांत धस्माना, धीरेंद्र प्रताप आदि ने भी पास जारी कराने वाले अफसर ओमप्रकाश के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
देखना यह है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने सबसे राजदार और चहेते अफसर का मोह छोड़ पाते हैं या नहीं वरना त्रिवेंद्र का उत्तराखंड विरोधी चेहरा भी सबके सामने उजागर हो जाएगा।