Ad
Ad

इधर तेल न होने का बहाना बनाकर बीमार को लेने नहीं पहुंची, उधर सवारियां ढोती मिली 108 सेवा

देहरादून। प्रदेश के लिए अति आवश्यक सेवाओं में गिनी जाने वाली 108 आपातकालीन सेवा की लॉकडाउन में भी खूब मनमर्जी चल रही है। कहीं 108 तेल का बहाना बनाकर मरीजों को लेने नहीं पहुंच रही है तो कहीं सवारियां ढोकर पैसे कमाए जा रहे हैं।
ताजा मामला पौड़ी गढ़वाल जनपद के रिखणीखाल क्षेत्र का है। यहां ग्राम नावेतली के प्रधान व अन्य जागरूक नागरिकों व देहरादून से प्रभुपाल सिंह रावत ने एक गंभीर मरीज को ले जाने के लिए 108 सेवा को फोन किया तो जवाब मिला कि रिखणीखाल में एक ही गाड़ी है, जो कि तेल विहीन है। वह तेल भराने 80 किलोमीटर दूर जा रही है। आप रिखणीखाल तक मरीज को पैदल ले आओ।
सवाल यह है कि मरीज की हालत बहुत गंभीर थी। मरीज का घेलमा देवी पत्नी स्व. गजे सिंह गुसांई ग्राम नावेतली उम्र 75 वर्ष है। आजकल लॉकडाउन के चलते आपातकाल जैसी स्थिति है। अगर मरीज रिखणीखाल स्वास्थ्य केंद्र में आ भी गया तो न वहां एक्सरे की सुविधा है न पैथोलोजी है। एक्सरे अगर हैं भी तो संचालन करने वाला नही हैं।


सवाल यह है कि एक तो अस्पताल ही इस तरह का बेहाल है और उस पर 108 की ओर से इस तरह का जवाब देकर गरीब ग्रामीण मरीजों के साथ मजाक किया जा रहा है। सवाल यह भी है कि यदि 108 एम्बुलेंस में तेल नहीं है तो इसकी व्यवस्था करने की जिम्मेदारी किसकी है। यदि मरीज ले जाने के समय पर तेल का बहाना बनाया जाएगा तो निश्चित ही इसका खामियाजा सरकार को ही भुगतना पड़ेगा। प्रभुपाल सिंह रावत कहते हैं कि जब 108 एम्बुलेंस को उत्तराखंड सरकार की बड़ी उपलब्धियों में गिना जाता है तो इसके संचालन की उचित व्यवस्था करने की जिम्मेदारी भी सरकार की ही है।


वहीं दूसरी ओर काशीपुर में 108 एंबुलेंस व इसके संचालकों की घोर लापरवाही सामने आई है। काशीपुर में लॉकडाउन में 108 एंबुलेंस सवारियां ढो रही थी। जब यह मामला उजागर हुआ तो चर्चा का केंद्र बन गया। आखिर किसकी शह पर एंबुलेंस सवारियां ढो रही थी?
बताते चलें कि उत्तराखंड सरकार ने किसी भी लापरवाही किए जाने पर एंबुलेंस कंपनी की जिम्मेदारी तय की हुई है। सवाल यह है कि उपरोक्त दोनों घोर लापरवाहियों में कंपनी पर प्रदेश सरकार या फिर स्वास्थ्य विभाग ने क्या कार्यवाही की? इससे पहले भी तमाम इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, उन पर क्या कार्यवाही हुई होगी। जाहिर है कि इसका उत्तर कोई नहीं जानता।
बहरहाल, अब देखना यह होगा कि ताजे मामले में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जाती है!

- Advertisment -

Related Posts

error: Content is protected !!