जगदम्बा कोठारी
रूद्रप्रयाग। किसी ने ठीक ही कहा है कि आस्था संसाधनों की मोहताज नहीं होती है और अगर मन मे अटूट इच्छाशक्ति है तो कुछ भी असंभव नहीं। कुछ ऐसा ही कमाल कर दिखाया है, राजस्थान के बीकानेर शहर के रहने वाले महिराम विशनोई ने।
महीराम दिव्यांग होने के बावजूद एक पैर पर बैसाखी के सहारे गौरीकुंड से 18 किलोमीटर पैदल दुर्गम और खड़ी चढ़ाई चढ़कर केदारधाम पहुंचे।
देखिए वीडियो
महीराम विशनोई कुछ साल पहले एक हादसे मे अपना बांया पैर गंवा चुके थे। महीराम बीकानेर से अपने पांच अन्य साथियों के साथ सावन माह मे केदार यात्रा पर आये। केदारनाथ मे अपार श्रद्धा रखने वाले महीराम पैदल एक पांव और बैसाखी के सहारे पैदल ही केदारनाथ दर्शन के लिए पहुंचे।
जहां अच्छे स्वस्थ और तंदुरुस्त युवाओं का दम केदार चढ़ाई पर फूलने लगता है, वहीं कीचड़ भरे और गहरी घाटियों को पार कर केदारधाम पहुंचे ही नहीं बल्कि 18 किलोमीटर पैदल वापसी गौरीकुंड भी लौटे। महीराम के इस साहस और जब्जे की सभी स्थानीय लोग तारीफ कर रहे हैं।