महिला की फर्जी मौत और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र का मामला
बुजुर्ग महिला की फर्जी मौत, फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का मामला
काेटद्वार। कोटद्वार नगर निगम व पूर्व पालिका के कर्मचारियों से मिलकर निराश्रित, विधवा, निर्धन परिवार के बूढ़े, बुजुर्ग महिलाओं के बच्चों को डरा धमका कर कुछ वार्ड मेंबर व प्रॉपर्टी के सौदागर जमीन, मकानों को हड़पने का खेल खेल रहे हैं। यहां तक कि संपत्ति के मुखिया को मृतक घोषित कर नगर पालिका व निगम से प्रमाण पत्र बनवा कर प्रॉपर्टी कब्जाई जा रही है।
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नगर पालिका से बनाया मृत्यु प्रमाण पत्र
ऐसा ही एक मामला ‘हमारे ’ पास में मय प्रमाणों के आया है। जिसमें पूर्व वार्ड मेंबर वह वर्तमान पार्षद ने प्रॉपर्टी के सौदागर उनके साथ मिलकर तथा नगर पालिका व नगर निगम के कर्मचारियों के साथ मिलकर एक बुजुर्ग महिला का प्रमाण पत्र दिलवाकर उक्त महिला की प्रॉपर्टी बेच दीं व वह बुजुर्ग महिला को घर से बेघर कर दिया। इस प्रॉपर्टी को कई लोगों को बेचा भी जा चुका है। वर्तमान में इस संबंध में एक व्यक्ति द्वारा बेचने वालों के खिलाफ मुकदमा भी चल रहा है।
झाडू पोछा करने को मजबूर महिला
घोषित मृतक महिला वर्तमान में घर में झाड़ू पोछा व बर्तन साफ करने का काम करती है तथा उसका जो राशन कार्ड बना है, वह एपीएल कैटगरी का है।
महिला की अब तक न तो पेंशन स्वीकृत है, जबकि महिला की आयु 84 वर्ष की हो चुकी है। पूर्व वार्ड मेंबर वह वर्तमान पार्षद ने अपने रसूख का इस्तेमाल पर महिला की पेंशन नहीं होने दी तथा उसका बीपीएल का कार्ड भी नहीं बनने दिया। यही नहीं वार्ड प्रतिनिधि ने बूढ़ी महिला की झूठी मौत की खबर व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की खबर का प्रमाण पत्र जारी करवाने में मदद की। यह खबर पूर्व में एक कोटद्वार के दैनिक अखबार में भी प्रकाशित हुई थी। जिसकी शिकायत महिला के वार्ड के एक समाजसेवी द्वारा उप जिलाधिकारी को की गई थी, परंतु उस संबंध में जिलाधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।
महिला की मृत्यु का प्रमाण पत्र
महिला की मृत्यु का प्रमाण पत्र 2011 का है, जबकि जारी करने की तिथि 2013 में है। गजब की बात यह है कि इस प्रकरण में कोटद्वार के एक संभ्रांत व्यवसाई द्वारा उक्त बुजुर्ग महिला की मौत की अंत्येष्टि को प्रमाणित किया गया है।