देहरादून। उत्तराखंड उद्यान विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। वर्ष 2023 में चर्चित फल पौध खरीद घोटाले में सीबीआई द्वारा जिस नर्सरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, उसी नर्सरी को दोबारा फल पौध वितरण का काम सौंप दिया गया। मामला उजागर होने पर उद्यान विभाग ने नर्सरी को दिया गया आवंटन रद्द करने के आदेश जारी कर दिए।
यह मामला उद्यान विभाग की लापरवाही को उजागर करता है। जहां एक ओर सीबीआई किसी नर्सरी के खिलाफ जांच कर रही थी, वहीं दूसरी ओर उसी नर्सरी को फिर से पौध वितरण का ठेका सौंप दिया गया।
कैसे हुआ खुलासा?
किसानों को वितरित किए जाने वाले फल पौधों के आवंटन में अनियमितताओं को लेकर कृषक कृषि बागवानी और उद्यमी संगठन के सचिव दीपक करतोला ने सवाल उठाए थे। इसके बाद मामले की जांच हुई, जिसमें पता चला कि यूके हाईटेक नर्सरी, जिस पर पहले से ही सीबीआई की जांच चल रही थी, उसे फिर से पौध वितरण का ठेका दे दिया गया था।
मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग
उद्यान विभाग के अधिकारियों की इस लापरवाही को लेकर कृषक कृषि बागवानी और उद्यमी संगठन के सचिव दीपक करतोला ने सीएम धामी से मामले की जांच और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है ।
क्या था घोटाला?
पूर्व उद्यान निदेशक डॉ. एच.एस. बजवा के कार्यकाल में हुए फल पौध घोटाले में सीबीआई ने यूके हाईटेक नर्सरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। जून 2023 में प्रदेश सरकार ने तत्कालीन निदेशक डॉ. बजवा को निलंबित कर दिया था। बावजूद इसके, उद्यान विभाग ने उसी नर्सरी को दोबारा पौध आवंटन का काम दे दिया।
विभाग ने दी सफाई
इस मुद्दे पर सफाई देते हुए बागवानी मिशन के निदेशक महेंद्रपाल ने कहा कि जानकारी के अभाव में यूके हाईटेक नर्सरी का चयन किया गया था। लेकिन मामला संज्ञान में आते ही नर्सरी को दिया गया फल पौध आवंटन रद्द कर दिया गया है।



