देहरादून। मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA) द्वारा आढ़त बाजार पुनर्विकास परियोजना को लेकर एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें परियोजना से प्रभावित दुकानदारों को भी आमंत्रित किया गया। बैठक की अध्यक्षता उपाध्यक्ष, मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण ने की।
बैठक में आढ़त बाजार के निर्माण कार्य और आगामी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। परामर्शदाता संस्था और वास्तुविद द्वारा परियोजना का प्रस्तुतिकरण किया गया, जिसमें लाभार्थियों को लेआउट प्लान, दुकानों के डिजाइन और संपूर्ण विकास योजना से अवगत कराया गया।
अब तक का कार्य
प्राधिकरण ने जानकारी दी कि परियोजना के तहत 70 प्रतिशत प्लॉटिंग और 90 प्रतिशत पार्किंग कार्य पूर्ण हो चुका है। इससे यह संकेत मिलता है कि योजना अब अंतिम चरण में है और लाभार्थियों को जल्द भूखंडों का आवंटन किया जाएगा।
प्रथम और द्वितीय चरण में आवंटन की रूपरेखा
बैठक में तय किया गया कि परियोजना के प्रथम चरण में शासन की निर्धारित पुनर्वास नीति के तहत बड़े आकार के भूखंड आढ़त व्यापारियों के लिए आरक्षित रखे जाएंगे। जबकि अन्य व्यापारियों को भूमि की उपलब्धता के अनुसार द्वितीय चरण में भूखंड आवंटित किए जाएंगे। इसके लिए आढ़त बाजार एसोसिएशन से पृथक प्रस्ताव मांगा गया है।
1 जुलाई से होगी भूखंड आवंटन की शुरुआत
प्राधिकरण ने 1 जुलाई से भूखंड आवंटन प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश जारी किए हैं। यह प्रक्रिया पुनर्वास नीति के तहत संचालित होगी ताकि प्रभावित दुकानदारों को न्यायोचित और पारदर्शी तरीके से स्थानांतरित किया जा सके।
10 वर्षों तक बिक्री पर रोक का प्रस्ताव
बैठक में आढ़त बाजार प्रतिनिधियों ने यह अनुरोध भी किया कि आवंटित भूखंडों का 10 वर्षों तक क्रय-विक्रय प्रतिबंधित किया जाए, जिससे बाजार की स्थायित्वता बनी रहे।
समिति गठित
भूखंड आवंटन से संबंधित मामलों के निस्तारण हेतु संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है, जो भविष्य में उत्पन्न होने वाले विवादों या समस्याओं का समाधान करेगी।
बैठक में प्राधिकरण के सचिव मोहन सिंह बर्निया, संयुक्त सचिव गौरव चटवाल, वित्त नियंत्रक संजीव कुमार, अधीशासी अभियंता सुनील कुमार, अवर अभियंता सुनील उपरेती, लेखपाल नजीर अहमद, वास्तुविद प्रशांत नौटियाल, आढ़त बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र गोयल, सचिव विनोद गोयल सहित गांधी रोड और आढ़त बाजार के अन्य व्यापारी उपस्थित रहे।