देहरादून में एक बैंक को करोड़ों रुपये का चूना लगाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। नकली सोने के आभूषण गिरवी रखकर लोन लेने वाले एक गिरोह ने योजनाबद्ध तरीके से बैंक से लाखों रुपये उड़ा लिए। मामले का खुलासा तब हुआ जब निर्धारित समय बीतने के बाद भी आरोपी किश्तें जमा नहीं कर रहे थे और बैंक की कॉल्स उठाने से बचने लगे। संदिग्ध गतिविधि के बाद बैंक ने जब गिरवी रखे गहनों की जांच कराई, तो पूरा सोना फर्जी निकला।
राजपुर थाना पुलिस ने बैंक शाखा प्रबंधक की शिकायत के आधार पर पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच जारी है।
कैसे हुई ठगी की शुरुआत
शिकायत के अनुसार, 16 अक्टूबर 2024 को दिल्ली के उत्तम नगर निवासी राजन देहरादून स्थित बैंक शाखा में पहुंचा और जमीन खरीदने के लिए पैसों की जरूरत बताते हुए गोल्ड लोन की मांग की। उसने एक सोने की चेन और एक ब्रेसलेट गिरवी रखे। मूल्यांकनकर्ता सुधीर की रिपोर्ट के बाद बैंक ने 3.5 लाख रुपये उसके खाते में भेज दिए, जिसे आरोपी ने उसी दिन दिल्ली स्थित एक अन्य बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया।
बार-बार नकली गहने गिरवी रखकर बढ़ाई रकम
राजन यहीं नहीं रुकता। वह दो महीने बाद 16 दिसंबर 2024 को फिर बैंक आया और बढ़ी आर्थिक परेशानी का हवाला देकर 4.48 लाख रुपये का दूसरा गोल्ड लोन ले गया। इसी तरह तीन और बार नकली आभूषण जमा कराकर कुल मिलाकर 36 लाख 16 हजार रुपये का गोल्ड लोन ले लिया।
लोन की अवधि 6 महीने तय थी, लेकिन समय पूरा होने के बाद भी उसने एक भी किस्त नहीं चुकाई। बैंक द्वारा बार-बार संपर्क करने पर राजन केवल आश्वासन देता रहा। बाद में उसने साफ कह दिया कि बैंक उसे दोबारा फोन न करे और गिरवी गहनों से जिसकी जितनी वसूली हो सकती है, कर ले।
जांच में बड़ा खुलासा
उसके रवैये से संदेह बढ़ने पर बैंक ने क्षेत्रीय कार्यालय के निर्देश पर सभी गिरवी गहनों की जांच करवाई।
9 जुलाई 2025 को सूचीबद्ध स्वतंत्र ज्वैलर्स ने परीक्षण किया, जिसमें सामने आया कि राजन द्वारा जमा किए गए सभी आभूषण नकली और मिलावटी थे।


