उत्तराखंड में लगातार बढ़ते अपराधों के पीछे शराब को बड़ी वजह माना जा रहा है। शराब की वजह से ना जाने कितने परिवार बिखर चुके हैं, वहीं सामाजिक समारोहों में भी शराब का चलन अब आदत में बदल चुका है। इसी को लेकर अब उत्तरकाशी जिले के ग्रामीणों ने खुद आगे बढ़कर नशामुक्त समाज की दिशा में सख्त कदम उठाया है।
उत्तरकाशी में नशामुक्त अभियान के तहत ग्रामीणों की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि गांव में होने वाली शादी, चूड़ाकर्म संस्कार या किसी भी अन्य सामाजिक आयोजन में शराब परोसे जाने पर संबंधित परिवार पर 51 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
ग्राम प्रधान कविता बुटोला ने स्पष्ट कहा कि यदि किसी कार्यक्रम में शराब परोसे जाने की शिकायत मिलती है तो गांव का एक भी व्यक्ति उस समारोह में शामिल नहीं होगा। साथ ही जुर्माने के अलावा ऐसे परिवार का सामाजिक बहिष्कार भी किया जाएगा। और दंडित परिवार भी आगे किसी ग्रामीण कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं होगा।
ग्रामीणों की चिंता – युवा पीढ़ी भटक रही है
ग्रामीणों का कहना है कि पहाड़ों में बढ़ता शराब का चलन युवाओं और बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल रहा है। शराब के कारण लड़ाई-झगड़े, अपराध और गलत गतिविधियों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। ऐसे में ग्रामीणों ने तय किया है कि वे अपने क्षेत्र को खुद सुरक्षित करेंगे और शराब के खिलाफ कड़ा सामाजिक अनुशासन लागू करेंगे।
लोगों का कहना है कि यह कदम बच्चों के भविष्य को बचाने और गांव को नशामुक्त बनाने की दिशा में बेहद जरी है।


