कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड में सिंगौली भटवाड़ी हाइड्रो प्रोजेक्ट के टेंडर को कैंसिल कर सरकार द्वारा खुद संचालित कर ₹3500/= करोड़ का फायदा करने वाली जनहित याचिका को उच्च न्यायालय ने निस्तारित करते हुए मुख्य सचिव को निर्णायक फैसला करने को कहा है।
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अधिवक्ता अजयवीर पुण्डीर ने बताया कि देश के जाने माने अर्थशास्त्री और याचिकाकर्ता डॉ.झुनझुनवाला ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि सिंगौली भटवाली हाइड्रो प्रोजेक्ट ने नवंबर 2015 में पूरा होना था। लेकिन ये अभी तक धीमी गति से चल रहा है। इस प्रोजेक्ट की कमान लार्सन एंड ट्यूबरो(एल.एंड टी.)कंपनी को सौंपी गई थी।
डॉ.झुनझुनवाला ने इस प्रोजेक्ट को स्टडी और असेस करके कहा था कि इस प्रोजेक्ट को अपने अधीन लेने से राज्य सरकार को 3500 करोड़ रुपये का फायदा हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट से प्रदेश की जनता को लगभग 4 रुपया प्रति यूनिट बिजली दी जानी थी जबकी राज्य में उत्पादित बिजली की कीमत अभी लगभग 3.50पैसे में उपलब्ध है।
आज मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि ये नीतिगत विषय है जिसे राज्य सरकार ने देखना चाहिए।
उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव को इस मामले में निर्णय लेने को कहा है । खण्डपीठ ने इस आदेश के साथ ही जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है।