मुकेश बछेती/पौड़ी
पौड़ी जिले में क्वारंटाइन हो रहे लोगों की मौत का सिलसिला थमने का नहीं ले रहा है। होम क्वारंटाइन हो या संस्थागत क्वारंटाइन दोनो में ही जनपद में एक के बाद एक मौत हो रही है। बीते एक माह के भीतर 6 मौतें हो चुकी है, लेकिन प्रशासन ने अभी तक किसी भी मौत पर जांच करवानी मुनासिब नहीं समझा है।
वहीं अपर जिलाधिकारी का कहना है कि जिन लोगों की क्वारंटाइन के दौरान मौत हुई है, वो पहले से किसी बीमारी से ग्रसित थे। यह सभी प्राकृतिक मौतें है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पूरे प्रदेश में कोरोना बीमारी से अब तक 9 मौतें हुई हैं, लेकिन पौड़ी जनपद इस आंकड़े को पीछे छोड़ता नजर आ रहा है। हालांकि पौड़ी जनपद में अभी तक आधिकारिक रूप से कोरोना संक्रमण से किसी व्यक्ति कर मौत नहीं हुई है, लेकिन यहां एक माह के भीतर क्वारंटाइन अवधि के दौरान 6 मौते हो चुकी हैं।
एक के बाद एक मौत होने के बाद भी प्रशासन बेखबर बना हुआ है। क्वारंटाइन केंद्रों की स्थिति भी कुछ खास नहीं है। कई लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन के नाम पर गौशालाओं में रखा जा रहा है। यहां न तो बिजली पानी की व्यवस्था है और न ही शौचालय की व्यवस्था है। क्वारंटाइन केंद्रों पर हो रही अव्यवस्थाएं यहां क्वारंटाइन हो रहे लोगों पर भारी पड़ रही है।
स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के चलते कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ रहा है, लेकिन स्वास्थ्य प्रशासन अपनी कमियों को मानने के बजाय क्वारंटाइन अवधि में हो रही मौतों को प्राकृतिक बता रहा है। क्वारंटाइन अवधि में अभी तक जितनी मौते हुई हैं, उनमें से किसी का स्वास्थ्य विभाग ने पहले सैंपल नहीं लिया था। तो वहीं स्थानीय लोग भी जिला प्रशासन पर सवाल खड़े कर रहे हैं। उनका कहना है कि लगातार क्वारंटीन सेंटर में मौत हो रही हैं। कहीं न कहीं विभाग की लापरवाही भी संदिग्ध लगती है।