भारत-चीन सीमा पर स्थित सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण सीमांत गांव गुंजी में एक नई और प्रेरणादायक शुरुआत हुई है। गांववासियों ने एक स्वर में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी विमला गुंज्याल को अपना ग्राम प्रधान चुना है। वे निर्विरोध रूप से इस पद पर चयनित हुईं, जिससे गांववासियों में उत्साह की लहर है। अब तक देश सेवा में जुटी रही विमला गुंज्याल अब अपने गांव के विकास की कमान संभालेंगी।
ग्रामीणों की एकजुटता और सकारात्मक सोच का नतीजा
जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत चुनाव के लिए गुंजी में चार अन्य प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र खरीदे थे, लेकिन ग्रामीणों की आपसी सहमति और विमला गुंज्याल जैसे योग्य प्रतिनिधि के प्रति विश्वास को देखते हुए किसी ने भी नामांकन दाखिल नहीं किया। परिणामस्वरूप विमला गुंज्याल निर्विरोध ग्राम प्रधान चुन ली गईं।
शनिवार को धारचूला पहुंचने पर ग्रामीणों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और इसे गुंजी गांव का गौरव दिवस बताया। गांववालों का कहना है कि उनके नेतृत्व में गुंजी को नई दिशा और ऊर्जा मिलेगी। विमला गुंज्याल के सकारात्मक दृष्टिकोण और प्रशासनिक अनुभव को गांव के लिए वरदान बताया जा रहा है।
गांव की पहचान को मिलेगा और विस्तार
गुंजी गांव पहले से ही देशभर में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। यह गांव आदि कैलाश, ओम पर्वत और कैलाश मानसरोवर यात्रा का प्रमुख पड़ाव है। दो साल पहले, 12 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं गुंजी गांव पहुंचे थे, जिससे यहां की राष्ट्रीय पहचान और मजबूत हुई थी।
देश सेवा से गांव सेवा तक
सेवानिवृत्त आईजी रैंक की अधिकारी विमला गुंज्याल ने अपने कार्यकाल में देश के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा और प्रशासन की जिम्मेदारियां निभाईं। अब वे उसी प्रतिबद्धता के साथ अपने मूल गांव की सेवा करेंगी। ग्रामीणों का मानना है कि एक अनुभवी और ईमानदार नेतृत्व गांव के भविष्य को संवारने में मददगार साबित होगा।