लगता है सरकार ने देहरादून में दुकानों को खोलने की आंशिक छूट का रोटेशन बिना होम वर्क के बनाया लगता है।
देहरादून में जिला अधिकारी ने फोटोकॉपी की दुकान 6 दिन खोलने की परमिशन दी है जबकि फोटोग्राफी की तीन दिन?
जबकि फोटोग्राफी और फोटोकॉपी दो अलग अलग दुकानों में नहीं होती. 90% फोटोग्राफी की दुकानों में ही फोटोकॉपी होती है और फोटोकॉपी की दुकानों में ही पासपोर्ट साइज़ फोटो भी बनती है।
भास्कर चुग ने की मांग
फोटोग्राफी और फोटोकॉपी दो अलग अलग व्यवसाय नहीं हैं। बैंक तथा सरकार के कार्यालयों के काम के लिए उक्त दोनों की जरूरत होती है और ये कार्यालय 6 दिन खुलते हैं।
जैसे राशन कार्ड के नवीनीकरण, बिजली पानी कनेक्शन, बैंक के कार्यों, सब जगह दोनों की ही आवश्यकता होती है।
ह्यूमन राइट्स एन्ड आरटीआई एसोसिएशन के महासचिव एवं कांग्रेस नेता भास्कर चुग ने प्रशासन एवं सरकार से मांग की है कि उक्त सूची पर पुनर्विचार करके फोटोग्राफी और फोटोकॉपी के प्रतिष्ठान को एक ही टाइम मे निश्चित करके खोलने की छूट दी जाये।
भास्कर चुग ने सरकार से अनुरोध किया है कि है कि यह छूट तीन दिन की हो या छह दिन की,
सरकार को अन्य आपस में जुड़े व्यवसायों पर भी ध्यान देना चाहिए।
इससे पहले कल भी जिलाधिकारी देहरादून के कार्यालय ने दुकानों की खोलने का रोटेशन बिना होमवर्क किए जारी कर दिया था इसमें जिलाधिकारी कार्यालय से एक आंशिक संशोधन हुआ था लेकिन फिर भी ऑटोमोबाइल और स्पेयर पार्ट्स से संबंधित दुकानों को खोलने का रोटेशन दूसरे और तीसरे दो कॉलम में अंकित था जबकि 6 दिन खुलने के हिसाब से ही इसे पहले कॉलम में अंकित होना चाहिए था। लेकिन त्रुटि संज्ञान में आने के बावजूद इसे अभी तक ठीक नहीं किया गया है।