श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के मुख्यालय बादशाहीतील विश्व पर्यावरण दिवस 2022 हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा मुख्यालय परिसर में फलदार व औषधीय पौधों का रोपण किया गया और रोपित पौधों की देखभाल करने का संकल्प लिया गया करते समय कुलपति डा ध्यानी ने कहा कि उन्हें बहुत सन्तोष मिलता है जब उन्हें याद आता है कि उन्होंने अपने जीवन में बदीवन की पुर्नस्थापना और नन्दावन कालिकावन की स्थापना करने लिये हजारों पेड़ो को स्वयं लगाया था वृक्ष लगाकार उन्हें आत्मसंतुष्टि मिलती है और प्रकृति के सुनहरे रूपों को निखारने से उनकी उत्पादकता दिन प्रतिदिन बढ़ती है विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डा० ध्यानी मे विश्व पर्यावरण दिवस की थीम केवल एक पृथ्वी के बारे में प्रतिभागीयों को विस्तृत रूप से अवगत कराया।
उन्होंने कहा कि ब्रहमाण्ड में अब आकाशगंगा है और आकाशगंगाओं में अरबी यह है, लेकिन केवल पृथ्वी ग्रह ही ऐसा है जिसमें जीवन पाया जाता है।
इस अद्वितीय और सुन्दर ग्रह का संरक्षण और सर्वधन करना विश्व के प्रत्येक मनुष्य का दायित्व है। आज का दिन आम लोगों में पर्यावरणीय जागरूकता फैलाने का है और (अपने को पर्यावरण सचाण के प्रति समर्पित करने का है।
डा० ध्यानी ने कहा कि पृथ्वी जो सौरमण्डल का एक ग्रह है 1 प्रतिशत भाग जन तथा 29 प्रतिशत भाग भूमि से ढका हुआ है। इस ग्रह की उत्पत्ति लगभग 4.54 अरब साल पहले हुयी और इसमें जीवन का आरम्भ लगभग 4.1 अरब वर्ष पहले हुआ वा० ध्यानी ने कहा कि आज कई कारणों से जलवायु तीव्र गति से गर्म हो रही है. प्रदूषण से हया, पानी और जमीन प्रदूषित हो रही है, जिस कारण 10 लाख से ज्यादा प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर है।
पृथ्वी में जीवन है और आज प्रकृति आपातकालीन मोड में है। डा० ध्यानी ने यह भी कहा कि सन 1873 से हम विश्व पर्यावरण दिवस मना रहे है. पिछले 50 वर्षों में विश्व में कई वैश्विक समझौते हुए, कई कार्य हुए और कई प्रयास हुए लेकिन पृथ्वी उतनी स्वच्छ और संरक्षित नहीं हुई जितनी कोविद 19 के दौरान लाकडाचन पीरिएड में हुई। इससे सबक सीखते हुए यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेम्बली को स्वतः संज्ञान लेते हुए इन्टरनेशनल लाकडाउन डे घोषित कर एक तिथि निर्धारित करनी चाहिए। यह कदम विश्व पर्यावरण को संरक्षित करने के लिये मील का पत्थर साबित होगा।
वृक्षारोपण करते हुए कुलपति डॉक्टर ध्यानी ने यह भी कहा कि विश्व पर्यावरण को संरक्षित करने के लिये हम अपनी अर्थव्यवस्थाओं और समाजों को समावेशी, निष्पक्ष और प्रकृति के साथ अधिक जुड़ाव के लिए बदल दें। हमे पृथ्वी ग्रह को नुकसान से हटकर उसे ठीया करने की ओर बढ़ना चाहिए। इसके लिये वैश्विक स्तर पर सामुहिक और परिवर्तनकारी कार्यवाईयां करनी चाहिए। यदि ऐसा नही हुआ तो एक न एक दिन पृथ्वी से मानव अस्तित्व खतरे में पढ़ जायेगा।
पर्यावरण दिवस आयोजन के अवसर पर विश्वविद्यालय में शुलसचिव खेमराज भट्ट, सहायक परीक्षा नियंत्रक०, डा० हेमन्त विष्ट, सहायक कुलसचिव हेमराज चौहान जी कुलपति कुलदीप सिंह नेगी रविन्द्र कुलदीप सिंह, राहुल, विनोद, जगवीर सिंह, दीपक, महेश, उपेन्द्र, विनोद प्रसाद आदि उपस्थित रहे। विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन डा० हेमन्त बिष्ट द्वारा किया गया।