- फोग्सी-आईएजीई के सहयोग से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन, विशेषज्ञों ने लाइव सर्जरी के जरिए साझा की महत्वपूर्ण जानकारियां
देहरादून। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति विभाग द्वारा एडवांस लैप्रोस्कोपिक सर्जरी ट्रेनिंग वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टर्स को आधुनिक लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की विधाओं का व्यावहारिक ज्ञान दिया गया। विशेषज्ञों ने ऑपरेशन थियेटर से लाइव सर्जरी के माध्यम से मिनिमली इनवेसिव गायनी प्रोसीजर की बारीकियों को साझा किया।
कार्यशाला का शुभारंभ और उद्देश्य
बुधवार को आयोजित इस कार्यशाला का शुभारंभ श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज के प्राचार्य डॉ. अशोक नायक, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. विनीता गुप्ता, डॉ. आरती लूथरा, डॉ. अनुपमा सेठी और डॉ. रोबिना मक्कड़ ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया।
फोग्सी-आईएजीई द्वारा आयोजित ‘ईगल प्रोजेक्ट’ के तहत यह कार्यशाला आयोजित की गई थी। इसका उद्देश्य मेडिकल कॉलेजों में कार्यशालाओं के माध्यम से पोस्ट ग्रेजुएट प्रशिक्षुओं के सर्जिकल कौशल को सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक लैप्रोस्कोपिक तकनीकों से समन्वित करना था।
कार्यशाला में हुए प्रमुख सत्र
कार्यशाला में लैप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी, मायोमेक्टॉमी, ओवेरियन सिस्टेक्टॉमी, एंडोमेट्रियोसिस सर्जरी और हिस्टेरोस्कोपिक सर्जरी जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं का लाइव प्रदर्शन, सिमुलेशन आधारित प्रशिक्षण और इंटरेक्टिव सत्र आयोजित किए गए।
डॉ. विनीता गुप्ता ने एडवांस लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के चिकित्सीय पहलुओं को समझाते हुए कहा, “इस तकनीक की मदद से बड़े ऑपरेशनों में भी कम टांके लगाकर सफल सर्जरी संभव है, जिससे मरीज जल्दी स्वस्थ हो सकता है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्यशाला शिक्षा और वास्तविक सर्जिकल प्रैक्टिस के बीच की खाई को पाटने के लिए डिजाइन की गई है।
पीजी डॉक्टर्स के लिए महत्वपूर्ण अनुभव
देहरादून गायनेकोलॉजी सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ. रीना आहूजा भी इस अवसर पर उपस्थित रहीं। डॉ. नम्रता सक्सेना ने सभी प्रतिभागियों और विशेषज्ञों का धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यशाला में प्रतिभागियों ने व्यावहारिक अनुभव और मेंटरशिप के लिए आयोजकों की प्रशंसा की। विशेष रूप से सिमुलेशन आधारित प्रशिक्षण को कार्यशाला की प्रमुख विशेषता के रूप में सराहा गया।
कार्यक्रम के दौरान पीजी डॉक्टर्स ने विशेषज्ञों से कई महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे, जिनका विस्तृत और व्यावहारिक उत्तर देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया गया। अंत में, प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए और शिक्षण एवं शोध कार्य के लिए डेटा फीडबैक भी संग्रहित किया गया।
यह कार्यशाला न केवल मेडिकल छात्रों के लिए सीखने का एक महत्वपूर्ण अवसर थी, बल्कि एडवांस लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में दक्षता हासिल करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।