देहरादून। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में 160 किलो वजन की शुगर पीड़ित महिला की सफल मोतियाबिंद सर्जरी हुई। महिला की दोनों आंखों का सफलतापूर्वक मोतियाबिंद ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद महिला ठीक है व उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
वसंत विहार, देहरादून निवासी श्रीमती बलवंत कौर 51 वर्षीय महिला को दोनों आंखों में मोतियाबिंद की शिकायत थी। शरीर का वजन 160 किलो होने व मोटापे के साथ-साथ शुगर (डाईबिटीज) से पीड़ित होने के कारण उन्हें ऑपरेशन करवाने में परेशानी आ रही थी। ॉंच महीने से उन्हें दोनों ऑंखों से दिखाई देने में कमी आ गई थी, धीरे-धीरे उनकी दोनों ऑंखों की देखने की क्षमता कम होती जा रही थी व उन्हें बहुत कम दिखने लगा था। ऐसे में उनके परिजनों ने उन्हें चार-पॉंच अलग-अलग अस्पतालों में उपचार हेतु दिखवाया।
वहॉं के डॉंक्टरों ने पाया कि मरीज की दोनों ऑंखों में मोतियाबिन्द पक चुका है व दोनों ऑंखों के तुरन्त ऑपरेशन की आपातकालीन स्थिति आ चुकी थी। परन्तु इन सभी अस्पतालों के डॉंक्टरों ने मरीज के अत्यधिक वजन (मोटापे) व उच्च शुगर (डाईबिटीज) स्तर के कारण ऑपरेशन में मरीज को जान का खतरा देखते हुए ऑपरेशन करने से साफ इंकार कर दिया।
ऐसे में मरीज बलवंत कौर के परिजन उन्हें उपचार के लिए श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल लेकर आए। अस्पताल के नेत्र रोग की विभागाध्यक्ष प्रो0 (डॉं0) तरन्नुम शकील ने मरीज बलवंत कौर की गहन जांच की व पाया कि मरीज का तुरन्त ऑंपरेशन करना अत्यंत आवश्यक है, अन्यथा मरीज का रोग पूर्ण अंधेपन में बदल जाएगा। दो घंटे तक जटिल ऑपरेशन में अत्याधुनिक मशीनों व उपकरणों की मदद से मरीज़ की दोनों आंखों का ऑपरेशन सफल रहा। ऑपरेशन के बाद मरीज़ को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
‘‘मेरे 20 वर्षों के नेत्र सर्जरी अनुभव में इस मरीज का केस सबसे अलग व जटिलतम था। मरीज का अत्यधिकवजन व डाईबीटिज पीड़ित होने के कारण ऑपरेशन बेहद जोखिम भरा था। ऑपरेशन के दौरान जरा सी असावधानी से मरीज की जान भी जा सकती थी। बेहद सावधानी से किया गया यह अत्यन्त जटिल ऑपरेशन सफल रहा। ऑपरेशन को सफल बनाने में एनेस्थैटिस्ट डॉं0 पुनीत बंगा व डॉ मोहित सैनी की भी महत्वपूर्णं भूमिका रही। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में सभी प्रकार के नेत्र रोगोें की जॉंचों व उपचार की सुविधा है। यहॉं के नेत्र रोग विभाग के पास विश्व स्तर की अत्याधुनिक मशीन व उपकरण भी उपलब्ध हैं। नेत्र रोग विभाग के पास नेत्रदान व पुतली प्रत्यारोपण की भी सभी सुविधाएं हैं।‘‘