देहरादून। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में अत्याधुनिक होलमियम लेज़र विधि (होलेप) से ग्रॉस प्रोस्टेटोमीगेली की सफल सर्जरी हुई। सामान्य व्यक्ति में प्रोस्टेट ग्रंथी 17 से 18 ग्राम होती है, बीमारी के कारण इस मरीज़ की प्रोस्टेट ग्रन्थि का आकार बढ़कर 190 ग्राम हो गया था। मेडिकल साइंस में इस बीमारी को ग्रॉस प्रोस्टेटोमिगेली कहते हैं। ऑपरेशन के बाद मरीज़ ठीक हैं व उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है। ज्ञातव्य है कि उत्तराखण्ड राज्य में पहली बार होलमियम लेज़र विधि (होलेप) से किसी मरीज़ की सर्जरी सफलतापूर्वक की गई है। अब तक मरीजों को होलमियम लेज़र विधि (होलेप) से ऑपरेशन के लिए दिल्ली, चण्डीगढ़, एनसीआर व बड़े शहरों मंे जाना पड़ता था।
कोटद्वार पौड़ी गढ़वाल निवासी 65 वर्षीय मरीज़ को प्रोस्टेट ग्रंथी के बहुत ज्यादा बढ़ जाने के कारण पेशाब बंद होने की शिकायत थी। उन्हें दून के एक बड़े अस्पताल से श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल मंे उपचार के लिए रैफर किया गया। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ विमल कुमार दीक्षित ने प्रारम्भिक जॉच मंे पाया की बीमारी की वजह से प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार बढ़कर 190 ग्राम हो चुका है। इस मामले में सामान्य प्रोस्टेट ग्रंथि के ऑपरेशन के दौरान की जाने वाली दूरबीन विधि की सर्जरी सम्भव नहीं थी। डॉ. विमल कुमार दीक्षित व उनकी टीम ने अत्याधुनिक होलमियम लेज़र विधि (होलेप) से ग्रॉस प्रोस्टेटोमीगेली की सर्जरी की। सर्जरी के दौरान बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्रंथि को लेज़र काटकर निकाल दिया गया। ऑपरेशन को सफल बनाने में यूरोलॉजिस्ट डॉ. विवेक विजन, डॉ कमल शर्मा, डॉ अपूर्व, डॉ सौरभ, डॉ. शाश्वत, ओ.टी. स्टाफ विजय, विशाल, अशोक आदि का सहयोग रहा।
‘आकार में बहुत अधिक बढ़ चुकी प्रोस्टेट ग्रंथि के ऑपरेशन के लिए हाईटेक ऑपेरशन थियेटर व मेडिकल साइंस की अत्याुधनिक तकनीकों की आवश्यकता पड़ती है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में एक छत के नीचे सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। होलमियम लेज़र विधि (होलेप) प्रोस्टेट ग्रंथि के ऑपरेशन के लिए अब तक की सबसे आधुनिक तकनीकों में से एक एडवांस तकनीक है।‘
डॉ विमल कुमार दीक्षित, एम.एस., डी.एन.बी. (यूरोलॉजी)
वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल