उत्तराखंड सरकार ने अभिभावकों को शिक्षा माफिया के हवाले उन्हीं के रहमों करम पर छोड़ दिया है।
अब स्कूलों के मैनेजर और प्रिंसिपल अभिभावकों को तरह-तरह से प्रताड़ित कर रहे हैं और लॉकडाउन के दौरान भी फीस देने के लिए बुरी तरह हड़का रहे हैं।
ताजा मामला ज्वालापुर हरिद्वार के एक स्कूल ग्लोबल विजडम का है, जिसमें प्रिंसिपल कह रहे हैं कि या तो फीस लाओ या फिर नाम कटा लो।
यह ताजा स्टिंग तो इस एक स्कूल का है लेकिन यह हाल उत्तराखंड के तमाम स्कूलों का है। निजी स्कूलों में अभिभावकों को इसी तरह प्रताड़ित किया जा रहा है।
वीडियो
बल्कि अब प्रताड़ना से दुखी होकर बच्चे भी बुरी तरह से डिप्रेशन में हैं।
हरिद्वार के पॉलीटिकल लीडर अशोक शर्मा का कहना है कि सरकार ने लॉकडाउन के दौरान स्कूलों से मोटा चंदा लेकर अभिभावकों को स्कूलों के हवाले छोड़ दिया है और स्कूलों को खुली छूट दे सकती है।
अशोक शर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री से लेकर स्थानीय मंत्री विधायक भी इस समस्या को नजरअंदाज कर रहे हैं तथा अभिभावकों को राहत देने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं।
वीडियो
दून के दो स्कूलों की शिकायत
पिछले दिनों दून पब्लिक स्कूल भनियावाला देहरादून और माउंट लिट्रा जी स्कूल भनियावाला देहरादून द्वारा की जा रही ऑनलाइन शिक्षा की गुणवत्ता की शिकायत स्थानीय समाजसेवी योगेश राघव बाल संरक्षण अधिकार आयोग में भी की थी।
योगेश राघव का कहना था कि स्कूल प्रशासन फीस के लिए परीक्षा का आयोजन करा रहा है और अलग-अलग मैसेज के द्वारा अभिभावकों को धमकी देने और बच्चों को डराने का निरंतर कार्य कर रहा है। बाल संरक्षण आयोग ने इसका संज्ञान लिया है।