कृष्णा बिष्ट
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से प्रवासियों की मदद के लिए जितने भी फोन नंबर जारी हुए वे अधिकांश बंद ही रहे तो इन्होंने आपस में चंदा करके एक बस बुक की और देहरादून पहुंच गए।
यह बस दो लाख दस हजार में बुक हुई। 30 यात्रियों की इस बस में 5 महिलाएं भी थी।
देहरादून के महाराणा प्रताप स्टेडियम में इन सभी लोगों का मेडिकल चेकअप हुआ और अब वे अपने घर वापसी कर रहे हैं
सरकार भले ही इस बात को अपनी उपलब्धि बता रही हो कि वह लगभग 1,65000 लोगों को वापस लौटाने के लिए पंजीकरण कर चुकी है, लेकिन सरकार के पास उन्हें वापस लाने के लिए कोई पुख़्ता रोड मैप नहीं है।
सूरत से देहरादून पहुंचे कैलाश चंद्र जगूड़ी सरकार की कार्यशैली से काफी नाराज हैं। कैलाश चंद्र जगूड़ी ने पर्वतजन को बताया कि कंट्रोल रूम में किसी ने फोन नहीं उठाया और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया तो फिर उसका अप्रूवल भी पेंडिंग में आ गया। जहां भी संपर्क किया वे यही बोलते रहे कि जहां हो वहीं रहो। जब कोई आश्वासन कहीं से नहीं मिला तो मजबूरन सभी लोगों ने आपस में चंदा किया और देहरादून पहुंच गए।
गुजरात में समाजसेवी सुरेंद्र रावत ने घर वापसी में इन लोगों की काफी मदद की। समाजसेवी सुरेंद्र रावत ने पर्वतजन से बताया कि पहले बस बुक कराई गई और फिर बस का नंबर स्थानीय जिला अधिकारी को देकर पास के लिए अप्लाई किया गया। जल्दी ही पास बन गया और प्रवासियों की घर वापसी की व्यवस्था हो गई।
पंजीकृत 1.65 लाख लोगों में से महज 12 हजार लोगों को ही उत्तराखण्ड लाया जा सका है। बाकी लोग अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
ना तो सरकार उन्हें कोई आश्वासन दे पा रही है और ना ही उनकी वापसी के लिए उन्हें कोई पुख्ता जानकारी ही दे रही है। पर्वतजन के संपर्क में ऐसे सैकड़ों लोगों का कहना है कि सरकार उनके फोन नहीं उठा रही है और पंजीकरण के बाद उन्हें अब नहीं पता कि वह कैसे अपने घर लौटेंगे!
अकेले गुजरात के अहमदाबाद से 1102 और सूरत शहर से 1321 लोगों ने उत्तराखंड लौटने के लिए पंजीकरण किया है। लेकिन इन लोगों को सरकार कैसे वापस लाएगी। इसके बारे में उन्हें कुछ नहीं बताया गया है।
यही कारण है कि मंगलवार को सूरत से 30 लोगों ने आपस में चंदा करके एक गाड़ी बुक की और देहरादून पहुंच गए। गुजरात के सूरत से बुक करके लाई गई निजी बस (संख्या GJ06ZZ5959) से ये लोग देहरादून पहुंचकर अपनी जांच करा चुके हैं और अपने घर वापसी के लिए गाड़ी का इंतजार कर रहे हैं।