थराली विधानसभा क्षेत्र: उपेक्षित मुद्दों का दर्द, जनता में आक्रोश

चमोली जिले की थराली विधानसभा क्षेत्र की जनता पिछले कई वर्षों से कई गंभीर समस्याओं से जूझ रही है। क्षेत्रीय कार्यकर्ता एवं राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी (RRP) के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह बिष्ट ने उत्तराखंड सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ने क्षेत्र के महत्वपूर्ण मुद्दों को लगातार नजरअंदाज किया है। उनके द्वारा जारी एक विस्तृत पत्र और सोशल मीडिया पोस्ट में कई ज्वलंत मुद्दे उठाए गए हैं, जिनमें शहीदों का अपमान, आपदा प्रभावितों की अनदेखी और सड़क निर्माण में लापरवाही प्रमुख हैं।

1. शहीद भाइयों के नाम पर बनी सड़क: 8 साल बाद भी डामरीकरण नहीं, स्मृति द्वार गायब

देवाल ब्लॉक की ग्राम सभा वाण में आजाद हिंद फौज के दो वीर शहीद स्व. रूप सिंह बिष्ट और स्व. अमर सिंह बिष्ट के नाम पर करीब 8 साल पहले एक किलोमीटर सड़क स्वीकृत की गई थी। उस समय तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य ने घोषणा की थी कि शहीदों की स्मृति में स्मृति द्वार भी बनाया जाएगा।

लेकिन आज तक न तो सड़क का डामरीकरण हुआ और न ही कोई स्मृति द्वार बना। स्थानीय लोग इसे शहीदों का घोर अपमान बता रहे हैं। वीरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा, “यह सिर्फ दो शहीद भाइयों का नहीं, बल्कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस और पूरी आजाद हिंद फौज का अपमान है।”

2. अगस्त 2025 की भीषण आपदा: प्रभावितों को अभी तक राहत नहीं

इस साल अगस्त महीने में थराली क्षेत्र में आई भीषण आपदा से सैकड़ों परिवार प्रभावित हुए। कई लोगों के घर-मकान पूरी तरह तबाह हो गए। लेकिन सरकार ने अब तक किसी भी प्रभावित को राहत राशि नहीं दी।

सबसे दर्दनाक मामला देवाल ब्लॉक के बलान गांव की सावित्री देवी का है, जिनकी आपदा में मृत्यु हो गई। उनके पति पहले ही दिवंगत हो चुके हैं और दो अनाथ बच्चे बेसहारा हैं। उनके पास रहने को घर तक नहीं है। क्षेत्रवासियों ने मांग की थी कि उन्हें आपदा राहत कोष से मदद दी जाए, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

3. ग्वालदम-तपोवन-थराली-देवाल-वाण-घुनी-रामणी मोटर मार्ग: BRO से PWD को सौंपकर जनता में आक्रोश

क्षेत्र की सबसे बड़ी उम्मीद 99.4 किमी लंबा ग्वालदम-तपोवन-थराली-देवाल-वाण-घुनी-रामणी मोटर मार्ग था। केंद्र सरकार ने इसके लिए 936 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे और यह सड़क BRO (सीमा सड़क संगठन) को बनाने का निर्णय हुआ था। मां नंदा देवी राजजात यात्रा का मुख्य मार्ग होने के कारण क्षेत्रीय जनता में खुशी की लहर थी।

लेकिन उत्तराखंड सरकार ने अचानक यह सड़क BRO से वापस लेकर PWD को सौंप दी। इस फैसले से पूरे क्षेत्र में भारी रोष है। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि PWD की कार्यशैली धीमी और भ्रष्टाचार ग्रस्त है। पिछले 25 साल से यह सड़क जर्जर हालत में है और लोग जान जोखिम में डालकर यात्रा करते हैं।

वीरेंद्र सिंह बिष्ट ने मांग की है कि इस महत्वपूर्ण सड़क को तुरंत BRO को वापस सौंपा जाए।

4. बलान और पिनाऊ गांव:से श्री स्व शेर सिंह दानू जी 1969 के विधायक रहे और उनके गाँव में सड़क, स्वास्थ्य, नेटवर्क – कुछ भी नहीं

देवाल ब्लॉक के प्लान गांव में आज तक पक्की सड़क नहीं पहुंची। ग्रामीणों को राशन-पानी लाने के लिए 800-900 रुपये खच्चर का किराया देना पड़ता है। नजदीकी पिनाव गांव की स्थिति और भी बदतर है। वहां न सड़क है, न स्वास्थ्य सुविधा, न मोबाइल नेटवर्क। मरीज को खच्चर या डोली में ढोकर दूर अस्पताल ले जाना पड़ता है।

स्थानीय लोग कहते हैं, “अगर देवाल ब्लॉक में कहीं सबसे पहले सड़क बननी चाहिए तो पिनाव गांव में।”

जनता की पुकार

राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी (RRP) के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह बिष्ट ने उत्तराखंड सरकार से तत्काल संज्ञान लेने और निम्नलिखित मांगें पूरी करने की अपील की है:

शहीद रूप सिंह व अमर सिंह बिष्ट के नाम की सड़क का तुरंत डामरीकरण और स्मृति द्वार निर्माण

आपदा प्रभावितों, खासकर सावित्री देवी के अनाथ बच्चों को तत्काल राहत राशि

99.4 किमी मोटर मार्ग को पुनः BRO को सौंपना

प्लान व पिनाव सहित दूरस्थ गांवों में शीघ्र सड़क, स्वास्थ्य और संचार सुविधाएं उपलब्ध कराना

क्षेत्रवासियों का कहना है कि अगर

जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो जनआंदोलन करना पड़ेगा। थराली विधानसभा क्षेत्र की यह उपेक्षा की कहानी अब सिर्फ स्थानीय मुद्दा नहीं रह गई है, बल्कि यह पूरे उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही उपेक्षा का प्रतीक बन गई है।

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