काम से हटाये जाने पर भड़के सफाई कर्मचारी। गेट पर कूड़ा दाल कर बीजत किया आक्रोश
रिपोर्ट- विशाल सक्सेना
गूलरभोज नगर पंचायत ने कौरव से कार्य कर रहे सफाई कर्मचारियों को काम से हटाने पर वह भड़क गयें। अपनी मांगों को लेकर नगर पंचायत इसी बात और मांगों को लेकर उन्होंने कार्यालय गेट के सामने कूड़ा फेंककर विरोध जताते हुए और कर्मचारियों को कार्यालय में जाने से रोककर अपनी मांगों को पूरा करवाने की मांग की। उनका आरोप हैं कि, हमारी देव भूमि उत्तराखण्ड सफाई कर्मचारी काफी वर्षों से नगर पंचायत के तहत सफाई अभियान को जागरुक करते हुए समिति के कर्मचारी कार्य कर रहे थें।
उन्होंने आरोप लगाया कि, हमारी बिना राय लिये हमारी समिति के कर्मचारियों को हटाकर ठेका केपीएस ईनवारमेन्ट टेक फर्म को देकर कर्मचारियों को तैनात किया हैं। जिसका हमारी समिति कड़ा विरोध कर रही हैं। जिससे देवभूमि उत्तराखण्ड सफाई कर्मचारी बेरोजगार की स्थिति में आ गयें हैं। इसी कारण बुधवार को सफाई कर्मियों ने कूड़ा फेंककर मांगों को पूरा करने की मांग की। वही कर्मचारियों ने कहा कि, जब चैयरमैनपति तरुण कुमार दूबे से वार्तालाप की गई क्योंकि चेयरमेन मेडम तो ऐसे मामलों में बात ही नही करतीं तो उन्होंने बताया नगर पंचायत के पास अभी वित्त नही हैं। जिसके कारण हम अभी नयें कर्मचारियों को तैनात नही कर सकतें।
वही चैयरमैनपति ने बताया कि, उक्त लोगों ने सफाई व्यवस्था सम्बन्धी कार्यो में व्यवधान उत्पन्न किया हैं। उन्होंने बताया कि, मांगों कों लेकर उक्त लोगों ने कोविड-19 से सम्बन्धित अति आवश्यक कार्यो एवं अन्य जरुरी कार्य जनहित में प्रभावी हो रहें हैं। धरने प्रदर्शन करने वालों को पुलिस ने अपने बलपूर्वक उक्त लोगों को वहाँ से खदेड़ा। ईओ अजय कुमार अष्टवाल की सूचना पर पहुँचे गदरपुर थानाध्यक्ष जसविन्दर सिंह ने कहा कि, कोविड-19 के तहत लगी धारा 144 के अनुसार बिना अनुमति के धरना प्रदर्शन नही कर सकते हैं। इस मौके पर एसडीएम एपी बाजपाइ, सीओं दीपशिखा अग्रवाल, गूलरभोज चैकी इंचार्ज जगदीश चन्द्र तिवारी आदि मौजूद थें।
यहां ये भी उलेखनीय है कि, नगर पँचायत की पूरी कार्यवाही चेयरमेन के पति महोदय ही करते हैं। उनके आरोपों में तब सत्यता प्रमाणित हुई जब उन्होंने चेयरमैन पति को अधिशासी अधिकारी की कुर्सी पर बैठे हुए तथा eo को साइड की कुर्सी पर बैठा हुआ दिखया। ऐसा लगता भी है कि उनकी धमक आफ़िस पर बनी हुई है।